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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर एक्शन में अमित शाह, स्थिति पर बनाए हुए है नज़र

राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद शाह मणिपुर की स्थिति के संबंध में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं.

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Lokesh Rajput
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर एक्शन में अमित शाह, स्थिति पर बनाए हुए है नज़र

Manipur Violence: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर काफी करीब से नजर बनाए हुए हैं और राज्य तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों/पदाधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं. यह जानकारी सूत्रों ने शुक्रवार को दी. राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद शाह मणिपुर की स्थिति के संबंध में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं.

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राज्य में शुक्रवार को स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में रही. सूत्रों ने बताया कि शाह मणिपुर की स्थिति की गहनता से निगरानी कर रहे हैं और राज्य तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों/पदाधिकारियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं. शाह ने बृहस्पतिवार को दो वीडियो कांफ्रेंस की, जिनमें मणिपुर के मुख्यमंत्री राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस प्रमुख, केन्द्रीय गृह सचिव और केन्द्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. फिलहाल, अमित शाह ने मणिपुर के कुछ हिस्सों में हुई झड़पों के मद्देनजर कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है.

मणिपुर में भारी सुरक्षा बल तैनात

मणिपुर के हालात के मद्देनजर शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से बृहस्पतिवार को फोन पर बात की थी. सूत्रों ने बताया कि इस बीच पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के कम से कम पांच अधिकारी और सात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर व पुलिस अधीक्षक स्तर के सीआरपीएफ के अधिकारियों को हिंसा प्रभावित मणिपुर में सुरक्षा बलों की तैनाती का जिम्मा सौंपा गया है.

केन्द्र सरकार ने घटना के बाद सीआरपीएफ और बीएसएफ सहित केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की और 20 कंपनियों को मणिपुर रवाना किया है. राज्य में सेना और असम राइफल्स के जवान भी मौजूद हैं. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली और रांची से भी कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को रवाना किया गया है.

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नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जिसने रात में और गंभीर रूप ले लिया. राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी.

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