मुजफ्फरपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर जाति आधारित सर्वेक्षण में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी बढ़ाकर दिखाने का रविवार को आरोप लगाते हुए इसे ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का हिस्सा बताया।
मुजफ्फरपुर के पताही में पार्टी की एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘बिहार में जाति सर्वेक्षण कराने का निर्णय तब लिया गया था जब नीतीश कुमार राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का हिस्सा थे।” पिछले साल, जद (यू) ने भाजपा से नाता तोड़ लिया था और कांग्रेस, राजद तथा वाम दलों के महागठबंधन में शामिल हो गई थी।
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ पर प्रहार करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि गठबंधन का एकमात्र एजेंडा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करना है। ‘इंडिया’ में जनता दल (यूनाइटिड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी शामिल है।
नीतीश पर सीधा प्रहार करते हुए शाह ने कहा, ‘‘नीतीश प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं….जो बिल्कुल भी पूरा होने वाला नहीं है। उन्हें (नीतीश को) ‘इंडिया’ गठबंधन का संयोजक भी नहीं बनाया गया।” शाह ने विश्वास जताया कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा बिहार की सभी 40 सीटें जीतेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में ‘‘गुंडाराज’’ वापस लाने के लिए नीतीश जिम्मेदार हैं। राज्य में नीतीश कुमार सरकार द्वारा कराए गए जाति आधारित सर्वेक्षण के निष्कर्षों को पिछले महीने सार्वजनिक किया गया था। सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में ओबीसी और ईबीसी कुल आबादी का 60 प्रतिशत से अधिक है।
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