हाइलाइट्स
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रोशनदार से घुसकर छात्रों ने उतारा शव
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छात्र कई दिनों पथरी के दर्द से था परेशान
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हॉस्टल प्रबंधन ने अस्पताल में नहीं कराया भर्ती
Ambikapur News: सरगुजा के आदिवासी हॉस्टल में एक 8वीं के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि छात्र कई दिनों पथरी के दर्द से परेशान था. इसके बावजूद हॉस्टल प्रबंधन ने उसे अस्पताल में भर्ती नहीं कराया था.
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मुकेश आदिवासी हॉस्टल में रहकर 2 साल से पढ़ाई कर रहा था. बुधवार को शाम में स्कूल की छुट्टी के बाद जब बच्चे हॉस्टल पहुंचे, तो मुकेश के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला.
सीतापुर के बिशनपुर गांव का मामला
छात्रों ने दरवाजा नहीं खुलने पर रोशनदान से देखा तो मुकेश फांसी पर लटका दिखा. जिसके बाद छात्रों ने अधीक्षक भूपेश कश्यप को इसकी जानकारी दी. मुकेश को दब कमरे में जाकर फंदे से नीचे उतारा गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
मामला सीतापुर के बिशनपुर गांव का है. मुकेश तिर्की कलेक्टर ने गुरुवार को अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया और मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
परिजनों ने हत्या की जताई आशंका
बच्चे के पिता रामजी तिर्की और परिजन छात्रावास पहुंचे. छात्र का शव गुरुवार सुबह अंबिकापुर (Ambikapur News) मेडिकल कॉलेज लाया गया. परिजनों ने सूचना के बगैर बेटे का शव उतारने पर हत्या की आशंका जताई है. आरोप के बाद तीन डॉक्टरों की टीम ने छात्र के शव का पोस्टमॉर्टम किया.
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छात्रों ने बताया कि मुकेश कई महीनों से पथरी की बीमारी परेशान था. उसके परिजन गांव में ही जड़ी-बूटी से इलाज करा रहे थे. मुकेश 10 दिन पहले अपने घर से इलाज कराकर हॉस्टल लौटा था. जहां अधीक्षक ने उसे अधिक दर्द होने पर मेडिकल स्टोर से दर्द की दवाई भी लाकर दी थी.
कलेक्टर विलास भोस्कर ने मामले में एसडीएम को मजिस्ट्रियल जांच करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि अंबिकापुर शहर में पिछले 22 दिनों में 3 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है. 15 दिन पहले एक ही स्कूल की 2 छात्राओं ने सुसाइड कर लिया था. 7 फरवरी को 6वीं की छात्रा और 22 फरवरी को 8 वीं की छात्रा ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी थी.