रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में तीन दिनों में चार नवजात बच्चों की मौत हो गई है जिसके बाद राज्य सरकार ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि इन मौतों में ‘‘कुछ भी असामान्य’’ नहीं है क्योंकि इन नवजातों की मौत जन्म संबंधी जटिलताओं की वजह से हुई है। अधिकारियों ने बताया कि राजधानी रायपुर से करीब 300 किलोमीटर दूर सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध अस्पताल (जीएमसीएच) में ये मौतें हुई हैं। जीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया, ‘‘एक नवजात की मौत 15 अक्टूबर की देर रात हुई जबकि तीन अन्य नवजातों की मौत अगली सुबह हुई। सभी मृत नवजातों की उम्र चार से 28 दिन के बीच थी।
दूसरे अस्पतालों से किया गया था रेफर
इन नवजातों को जन्म के बाद दूसरे अस्पतालों से रेफर किया गया था। जहां एक नवजात की मौत बाल चिकित्सा वार्ड में हुई जबकि अन्य बच्चों की मौत विशेष नवजात देखरेख इकाई (एसएनसीयू) में हुई। डॉ. सिंह ने बताया कि इन मौतों में कुछ भी असामान्य नहीं है। दो नवजातों को सांस लेने की समस्या थी जबकि अन्य का वजन कम था।
परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप
अस्पताल के एक अन्य डॉक्टर ने बताया कि एक मृत नवजात के माता-पिता ने कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा हंगामा किया और बाद में अन्य मृत नवजातों के परिजन भी हंगामे में शामिल हो गए। नवजातों की मौत की जानकारी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के शहरी प्रशासन एवं विकास मंत्री शिवकुमार दहरिया अधिकारियों से बैठक के लिए अंबिकापुर रवाना हो गए। वह सरगुजा जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। वहीं दिल्ली दौरे पर गए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अपना दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौटे हैं ।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर दहरिया अंबिकापुर के लिए रवाना हो गए हैं जहां पर उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अस्पताल के अधीक्षक के साथ आपात बैठक बुलाई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने रायपुर और बिलासपुर से विशेष स्वास्थ्य टीम अंबिकापुर भेजने के निर्देश दिए हैं।