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रिपोर्ट - गिरजेश प्रताप सिंह
हाइलाइट्स
- दलित छात्रा की हत्या से गांव में तनाव
- हत्या की पुष्टि, पर जांच अधूरी
- गला दबाकर हत्या की बात सामने आई
Ambedkarnagar murder case:अम्बेडकरनगर जिले में 12वीं कक्षा की दलित छात्रा की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन गला दबाकर हत्या की बात सामने आई है। पुलिस 24 घंटे बाद भी आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रही है।
हत्या की पुष्टि, पर जांच अधूरी
अम्बेडकरनगर के मालीपुर थाना क्षेत्र के भस्मा चितौना गांव की नाबालिग छात्रा की हत्या की गुत्थी उलझी हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि गला घोंटकर हत्या की बात सामने आई है। सूत्रों का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद चार स्लाइड जांच के लिए भेजी गई हैं। यह जांच प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रही है।
परिजनों और ग्रामीणों का प्रदर्शन
पोस्टमार्टम के बाद शव जब गांव पहुंचा तो परिजनों और ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। ग्रामीणों ने 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद, नौकरी और परिवार को पट्टा देने की मांग रखी। कई घंटों की मशक्कत के बाद प्रशासन ने आश्वासन देकर अंतिम संस्कार कराया। आश्वासन में रानी लक्ष्मी बाई योजना और मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद और पिता को योग्यता के आधार पर नौकरी देने की बात कही गई।
अफसर और नेताओं का जमावड़ा
घटना के दूसरे दिन गांव में अफसरों और नेताओं का जमावड़ा रहा। आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला, एसपी अभिजीत आर. शंकर और कई अधिकारी गांव पहुंचे। साथ ही सपा, भाजपा, कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी के नेता भी परिवार से मिले। सांसद चंद्रशेखर आजाद ने वीडियो कॉल के जरिए छात्रा की मां से बात की और मदद का आश्वासन दिया।
घटना का सिलसिला
27 सितंबर को छात्रा सुबह साइकिल से विद्यालय के लिए निकली थी। लेकिन स्कूल नहीं पहुंची। दोपहर बाद गन्ने के खेत में उसका शव मिला। वहीं पास में उसका बैग, साइकिल और जूते भी बरामद हुए। मृतक छात्रा की मां शिक्षा मित्र हैं और पिता लुधियाना में काम करते हैं। परिवार में छोटा भाई भी है।
पुलिस पर उठ रहे सवाल
घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी है। आईजी प्रवीण कुमार का कहना है कि कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि कार्रवाई ऐसी होगी जो मिसाल बनेगी।
अम्बेडकरनगर की इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां पुलिस अभी भी आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है, वहीं ग्रामीणों और परिजनों का गुस्सा कम नहीं हुआ है।
प्रेसवार्ता में बताया
देर शाम जिला प्रशासन ने देर शाम कुछ चहेते पत्रकारों को प्रेसवार्ता कह कर कलेक्ट्रेट बुलाया और उन पत्रकारों के मोबाइल जमा करा कर उनसे बात की गई, और कोई भी आधिकारिक बयान नही दिया गया,, और वहीं घटना के दूसरे दिन आज गांव में पूरे दिन अधिकारियों और राजनीतिक दलों के लोगों का जमावड़ा रहा पोस्टमार्टम के बाद जब छात्रा का शव गांव पहुंचा तो परिजनों और ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।
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