हाइलाइट्स
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ग्वालियर में अंबेडकर प्रतिमा लगाने का विवाद गर्माया
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कांग्रेस ने किया आंदोलन का ऐलान
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25 जून को कांग्रेस ग्वालियर में करेगी उपवास
Ambedkar Statue Dispute: ग्वालियर हाईकोर्ट में अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अब इस पर सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस इसे लेकर प्रदेश व्यापी चरणबद्ध आंदोलन करेगी। प्रदेश कांग्रेस जनजागरण अभियान चलाएगी। मंगलवार, 17 जून को कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय में अपने आंदोलन की जानकारी की मीडिया से शेयर की।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधाये फूल सिंह बरैया मौजूद रहे।
उधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस से पूछा कि आपने किस आधार पर बीजेपी और RSS का नाम लिया। समाज में वातावरण बिगाड़ने को टेंडर लेने वाले दिग्विजय सिंह इस तरह के प्रयास पहले भी करते रहे हैं।
25 को ग्वालियर में कांग्रेस का सामूहिक उपवास
पीसीसी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा साहब की मूर्ति नहीं लगने दी जा रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी 23 जून से 25 जून तक तीन दिनों का एक वैचारिक जनजागरण आंदोलन करने जा रही है। कांग्रेस पार्टी समाज के सभी वर्गों को यह समझाएगी कि बाबा साहब ने जो संविधान बनाया है, उसमें सभी को अधिकार दिए गए हैं।
- 23 जून : कांग्रेस के सभी नेता कार्यकर्ता घर-घर जाकर संविधान की चर्चा करेंगे।
- 24 जून : किसी भी एक मोहल्ले, बस्ती में वंचित वर्ग के लोगों के साथ सामूहिक भोजन करेंगे और संविधान की चर्चा करेंगे।
- 25 जून : सभी विधायक, जिलाध्यक्ष और सभी वरिष्ठ नेताओं द्वारा ग्वालियर में सामूहिक उपवास किया जाएगा।
अंबेडकर की जगह बीएन राव को बताया जा रहा संविधान निर्माता
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा, संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने अंबेडकर जी पर टिप्पणी की। उनके निर्देश पर मप्र में बीजेपी के नेताओं ने अंबेडकर जी के अपमान की कसम खा ली है। ग्वालियर में एक पोस्टर लगातार चलाया जा रहा है। जिसमें आम जनता को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि संविधान का निर्माण बाबा साहब अंबेडकर ने नहीं बल्कि बीएन राव ने किया। यह एक तरह से संविधान बदलने की कोशिश की जा रही है। पर्दे के पीछे से नागपुर के एजेंडे को लागू करने की कोशिश की जा रही है। अशोकनगर, दतिया, दमोह सहित कई जिलों में बाबा साहब की प्रतिमाएं तोड़ी गई, लेकिन पुलिस आज तक अपराधियों का पता नहीं लगा पाई।
संविधान किसने लिखा ? इस पर विवाद खड़ा किया जा रहा
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा, ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबासाहेब की प्रतिमा को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। अब विवाद इस बात पर कराने की कोशिश हो रही है कि संविधान किसने लिखा? यह नया विवाद आरएसएस के नागपुर मुख्यालय से शुरू होकर आगे बढ़ रहा है। मैं चाहता हूं बाबा साहब की मूर्ति हाईकोर्ट परिसर में लगनी चाहिए। उन्होंने कहा,आरएसएस ने आज तक किसी दलित आदिवासी को प्रमुख नहीं बनाया
बीजेपी-आरएसएस वर्ग संघर्ष कराना चाहती है- सिंघार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, यह एक सोच है जो वर्ग संघर्ष कराना चाहती है। बीजेपी और आरएसएस लोगों को वर्गों में बांटना चाहती है।
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‘मूर्ति हाईकोर्ट में नहीं लग सकती, इस पर बीजेपी क्यों मौन है’
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा- बाबा साहब की मूर्ति ग्वालियर हाईकोर्ट में नहीं लग सकती। इस मामले में बीजेपी का मौन क्यों है। उन्होंने कहा जब अंबेडकर की मूर्ति सुप्रीम कोर्ट में लग सकती है तो हाईकोर्ट में क्यों नहीं लग सकती? इसके अलावा मूर्ति लगाने के लिए पूर्व जस्टिस पहले ही आदेश दे चुके हैं।
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