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हाइलाइट्स
- ग्वालियर में अंबेडकर विवाद पर पुलिस अलर्ट
- डबरा में तीन चेकिंग पॉइंट पर निगरानी
- 16 नवंबर को विरोध दिवस का हुआ था आह्वान
Ambedkar Statue Controversy Gwalior: ग्वालियर जिले में अंबेडकर प्रतिमा विवाद एक बार फिर तनाव बढ़ा रहा है। आशंका है कि रविवार (16 नवंबर) को फिर से विरोध प्रदर्शन हो सकता है, इसी वजह से प्रशासन ने शहर में सुरक्षा बढ़ा दी है। विशेष रूप से डबरा में पुलिस पूरी तैयारी में है ताकि किसी भी स्थिति को पहले ही नियंत्रित किया जा सके। सुबह से ही पुलिस बल तैनात है और कई स्थानों पर कड़ी निगरानी की जा रही है।
16 नवंबर को वकीलों के एक गुट ने विरोध दिवस के रुप में मनाने का आह्वान किया गया था।
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डबरा शहर में पुलिस ने तीन चेकिंग पॉइंट तैयार किए हैं।[/caption]
डबरा में तीन चेकिंग पॉइंट
डबरा शहर थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव के नेतृत्व में पुलिस ने तीन चेकिंग पॉइंट तैयार किए हैं। पिछोर तिराहा, सिमरिया टेकरी और चीनौर नाका पर पुलिस टीम सुबह 5 बजे से तैनात की गई है। उद्देश्य यह है कि कोई भी असामाजिक तत्व ग्वालियर की ओर बढ़ न सके। शहर के भीतर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तीन पेट्रोलिंग गाड़ियां भी लगातार घूम रही हैं। पुलिस की कोशिश है कि किसी भी तरह का विवाद शहर के बाहर ही रोका जा सके और माहौल शांत बना रहे।
वकील की टिप्पणी के बाद बढ़ा विवाद
यह मामला कुछ महीने पहले ग्वालियर हाईकोर्ट में शुरू हुआ, जहां डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर विवाद ने तूल पकड़ा। इसके बाद वकील अनिल मिश्रा की एक टिप्पणी ने माहौल को और गरमा दिया। इस मामले के बाद से ही वकीलों के दो गुटों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।
उपद्रव रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात
रविवार को विरोध की खबर मिलते ही ग्वालियर पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने जिले में हाई अलर्ट घोषित किया। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है, खासकर डबरा में जहां पिछले दिनों तनाव अधिक देखा गया था। पुलिस का कहना है कि किसी भी कीमत पर कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ने दी जाएगी। शहर थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह यादव ने कहा कि पुलिस पूरी तरह अलर्ट है और किसी भी उपद्रवी को ग्वालियर की तरफ बढ़ने नहीं दिया जाएगा। यदि कोई कानून तोड़ने की कोशिश करता है, तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
16 नवंबर को विरोध दिवस की घोषणा
16 नवंबर को ग्वालियर में वकील अनिल मिश्रा ने विरोध दिवस मनाने की बात कही गई थी। इस घोषणा के बाद नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिका में आशंका जताई गई कि बड़े विरोध के दौरान शहर में हिंसा हो सकती है। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को त्वरित कदम उठाने का निर्देश दिया। साथ ही मीडिया को भी एहतियात के साथ रिपोर्टिंग करने की हिदायत दी गई ताकि माहौल और भड़कने न पाए।
मामला कैसे शुरू हुआ
यह विवाद मई 2025 में तब शुरू हुआ जब कुछ दलित संगठन और वकीलों का एक वर्ग हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग करने लगा। हालांकि इस मांग का वकीलों के दूसरे समूह ने विरोध किया, जिसकी अगुवाई हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा कर रहे थे। प्रतिमा की स्थापना को लेकर यह मतभेद धीरे-धीरे तनाव में बदल गया।
वन विभाग का नोटिफिकेशन: 5 साल संविदा सेवा पूरी… तो कर्मचारियों को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में भी 50 प्रतिशत आरक्षण
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मध्य प्रदेश के करीब 1.25 लाख संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। वन विभाग ने नया नोटिफिकेशन जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि जिन संविदाकर्मियों ने पांच वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह कदम उन नीति निर्देशों के आधार पर उठाया गया है, जिन्हें वर्ष 2023 में सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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