Amba Mai Mandir Pachmarhi: 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में लोग अलग-अलग सिद्ध मंदिरों में माता के दर्शनों के लिए पहुंचेंगे। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही एक खास मां दुर्गा (Maa Durga) के मंदिर के बारे में। जहां आज भी बाघ मातारानी के दर्शन के लिए आते हैं। ये मंदिर संतान प्राप्ति के लिए खास माना जाता है। इस मंदिर का नाम है अंबा माई मंदिर। आइए जानते हैं पचमड़ी के मुख्य द्वार पर स्थित इस अंबा माई मंदिर के बारे में।
मान्यता अनुसार आज भी आता है बाघ
यहां पर नवरात्रि पर भक्तों की भीड़ जुटती है। यहां भक्तों की मान्यता है कि इस अंबा माई मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए बाघ आता हैं। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि पर यहां एक बार बाघ देवी के दर्शन करने जरूर आता है। जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात ये है कि यहां जंगल के राजा इस बाघ के आने पर किसी को डर भी नहीं लगता और न ही ये किसी को नुकसान पहुंचाते हैं।
मंदिर की सेवादार के अनुसार मंदिर के बाहर एक चट्टान है। वहां नवरात्रि के दौरान एक दिन देर रात बाघ जरूर आता है और माता के दर्शन करके वापस चला जाता है। कई बार मंदिर के सामने बाघ हमारा से सामना हो चुका है, लेकिन माता की कृपा से वह हमें नुकसान नहीं पहुंचाता है।
उल्टे शेर पर सवार हैं मां अंबा
जानकारी के अनुसार ये अंबा माई मंदिर 175 साल पुराना बताया जाता है। इस मंदिर की खासियत ये है कि इसमें मां बगलामुखी स्थापित हैं। जो उल्टे शेर पर सवार हैं। इस मंदिर की स्थापना महल की रानी ने कराई है। यहां सालों से मंदिर में बाघ आते देखा जा रहा है।
तांत्रिक पूजा के लिए खास है मंदिर
ऐसा माना जाता है कि ये मंदिर तंत्र विद्या के लिए काफी सिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि मां की इस प्रतिमा में तांत्रिकों की अधिक मान्यता है। यही कारण है कि यहां पर आज भी यहां तांत्रिक आकर साधना करते हैं। मां अंबा माई यहां आने वाले हर भक्त की प्रार्थना पूरी करती हैं। नि:संतान दंपति के लिए ये स्थान खास है। क्योंकि यहां आने पर उनकी गोद भर जाती है।
पहले मंदिर के अंदर आगे बैठते हैं बाघ
अंबा माई से संतानोत्पत्ति सहित सभी मांगलिक कार्य के लिए मनोकामनाएं मांगी जाती और वह पूरी भी होती हैं। मंदिर समिति के अध्यक्ष गोविंद अग्रवाल कहते हैं सालों पहले तक बाघ नवरात्रि के दौरान मंदिर में आकर बैठता था, लेकिन अब चहल-पहल और रोनक ज्यादा रहती है इस कारण जंगल से निकलकर बाघ दूर से ही मां के दर्शन कर चला जाता है। मां अंबा माई हर व्यक्ति की मुराद पूरी करती हैं। रानी महल की रानी ने मां जगदंबा की प्रतिमा की स्थापना की थी। तभी से मां यहां जागृत हैं। पचमढ़ी आने वाले अधिकांश श्रद्धालु पर्यटक मां जगदंबे के दर्शन करने जरूर आते हैं। यहां आकर जो भी मनोकामना मांगता है मुराद पूरी होने पर दोबारा यहां जरूर आता है।
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