जम्मू । Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा के जोर पकड़ने के साथ जम्मू में भगवती नगर आधार शिविर श्रद्धालुओं की गतिविधि का प्रमुख केंद्र बन गया है। दक्षिण कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा की 62-दिवसीय यात्रा पर जाने वाले हजारों श्रद्धालु इस शिविर में ठहरते हैं। कोई श्रद्धालु भूखा न रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए यहां कई लंगर लगते हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए जीवनरेखा की तरह हैं।
श्रद्धालुओं की जरूरतों का रखा जाता है ख्याल
समूचे जम्मू में 30 लंगर (सामुदायिक रसोई) हैं, जहां हर दिन देशभर से आए करीब चार से पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। लंगर उदारता की भावना का प्रतीक हैं, जहां मुफ्त शाकाहारी भोजन प्रदान किया जाता है और विभिन्न क्षेत्रों की पाक विविधता को प्रदर्शित किया जाता है। इसके समन्वयक संजय बारु ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने जम्मू शहर में लंगर की व्यवस्था की है। सबसे अधिक लंगर भगवती नगर आधार शिविर में लगाए गए हैं। यह भगवान की सेवा है।
24 घंटे हजारों कार्यकर्ता करते है परिश्रम
हम उनके प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं।’’ स्थानीय लोगों सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु अमरनाथ यात्रियों के लिए लंगर लगाने के वास्ते आगे आए हैं। आधार शिविर के पास स्थित ‘बजरंग लंगर’ के प्रमुख राज कुमार गुप्ता ने कहा, ‘‘सुबह से देर रात तक हम श्रद्धालुओं को शाकाहारी, लेकिन संतोषजनक भोजन तथा जम्मू के अन्य लोकप्रिय लजीज भोजन परोसते हैं।’’ सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा, ‘‘मानवता के इस महान कार्य में हजारों लोग योगदान करते हैं और दो महीने की इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को मुफ्त लंगर उपलब्ध कराते हैं।’’ हर श्रद्धालु की जरूरत का ख्याल रखा जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए लंगर में 24 घंटे हजारों कार्यकर्ता अथक परिश्रम करते हैं।
मध्यप्रदेश के कार्यकर्ता ने कही बात
मध्य प्रदेश से आए एक कार्यकर्ता राहुल कुमार ने लंगर में अपने योगदान को लेकर उत्साह जताते हुए कहा, ‘‘हमारी समर्पित टीम अमरनाथ यात्रा शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रही है। अब हम श्रद्धालुओं की दिन-रात तथा दिल खोलकर नि:स्वार्थ सेवा कर रहे हैं।’’ श्रद्धालुओं ने लंगर में भोजन प्रबंधन के प्रति अपना संतोष जाहिर किया और आधार शिविर में उपलब्ध विभिन्न विकल्पों की सराहना की। जयपुर से सुषमा राठौड़ ने कहा, ‘‘यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रम और मंडलियां यात्रा की थकान दूर करने और सुकून पहुंचाने का बेहतरीन माध्यम हैं। इससे श्रद्धालुओं में उत्साह पैदा होता है और एक समुदाय की भावना उत्पन्न होती है।’’
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