बर्लिन। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कुछ संक्रामक रोग संभवतः अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकते हैं। जर्नल ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ में प्रकाशित शोध प्रयोगशाला प्रयोगों पर आधारित है, जिसमें दिखाया गया है कि कुछ संक्रामक अणु प्रोटीन समुच्चय के अंतरकोशिकीय प्रसार को सुगम बनाते हैं जो मस्तिष्क रोगों की पहचान हैं।
जर्मनी में बॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में टीम ने पाया कि अनियमित श्रृंखला वाले प्रोटीन के समुच्चय तथाकथित प्रियन रोग में होते हैं, और वे एक कोशिका से दूसरी कोशिका में जाने की क्षमता रखते हैं, जहां वे अपने असामान्य आकार को उसी तरह के प्रोटीन में स्थानांतरित करते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके फलस्वरूप यह बीमारी पूरे मस्तिष्क में फैल जाती है। कुछ इसी तरह की घटना अल्जाइमर और पार्किंसन रोग में होती है, जो शोधकर्ताओं के अनुसार अनियमित श्रंखला वाले प्रोटीन के संयोजन को भी प्रदर्शित करता है। ऐसे प्रोटीन समुच्चय के संचरण में प्रत्यक्ष कोशिका से कोशिका संपर्क शामिल हो सकता है, बाह्य कोशिका में ‘नग्न’ समुच्चय में भी यह मुक्त हो सकता है या वेसिकल में भी जुड़ सकता है।
वेसिकल एक प्रकार की गांठ हैं जो एक लिपिड आवरण से घिरे छोटे बुलबुले जैसी होती हैं जो कोशिकाओं के बीच संचार के लिए स्रावित होती हैं। प्रियन प्रोटीन का वह प्रकार है जिसकी वजह से मस्तिष्क में सामान्य प्रोटीन श्रंखला असामान्य प्रोटीन श्रंखला में बदल जाती है। तंत्रिका संबंधी यह बीमारी मनुष्यों और पशुओं दोनों में पाई जाती है।