हाइलाइट्स
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सीएमओ पद को लेकर कानपुर में प्रशासनिक टकराव
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हाईकोर्ट ने डॉ. नेमी के निलंबन पर लगाई रोक
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डॉ. नेमी और डॉ. उदयनाथ के बीच कुर्सी को लेकर विवाद
रिपोर्ट: अनुराग श्रीवास्तव, कानपुर
Dr Haridutt Nemi stay order: कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के पद को लेकर बुधवार को जबरदस्त प्रशासनिक खींचतान और हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। विवादों में घिरे डॉ. हरिदत्त नेमी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से निलंबन पर स्टे आदेश मिलने के बाद दोबारा सीएमओ कार्यालय पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया। वहीं, पहले से तैनात डॉ. उदयनाथ ने इसका विरोध करते हुए खुद को वैध सीएमओ बताया। मामला इतना बढ़ा कि मौके पर पुलिस फोर्स तैनात करनी पड़ी।
कोर्ट ने निलंबन पर लगाई रोक
डॉ. हरिदत्त नेमी को 19 जून 2025 को कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से विवाद के बाद निलंबित कर लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया था। उनकी जगह श्रावस्ती के अपर सीएमओ डॉ. उदयनाथ को कानपुर का सीएमओ नियुक्त किया गया। लेकिन, 8 जुलाई को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने डॉ. नेमी के निलंबन पर अंतरिम रोक लगाते हुए शासन से चार हफ्तों में जवाब मांगा है। कोर्ट ने माना कि निलंबन में नियमों का उल्लंघन हुआ और आरोप इतने गंभीर नहीं थे कि कठोर दंड दिया जाए।
कार्यभार संभालने पर हुआ टकराव
बुधवार सुबह डॉ. नेमी काशीराम अस्पताल स्थित सीएमओ कार्यालय पहुंचे और उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर कुर्सी पर बैठ गए। थोड़ी देर बाद डॉ. उदयनाथ कार्यालय पहुंचे और नेमी से कुर्सी खाली करने को कहा। इस पर दोनों अधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई। डॉ. नेमी ने कहा, “मैं कानूनी आदेश के तहत कार्यभार संभाल रहा हूं, शासन ने मेरा निलंबन रद्द किया है।” वहीं, डॉ. उदयनाथ ने जवाब दिया, “जब तक शासन से नया आदेश नहीं आता, मैं ही कानपुर का अधिकृत सीएमओ हूं।”
पुलिस और प्रशासन को करना पड़ा हस्तक्षेप
विवाद की सूचना मिलते ही चकेरी पुलिस, एसडीएम ऋतु और एसीपी आशुतोष सिंह मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। इस दौरान कार्यालय में भीड़ भी जुट गई, जिसके बाद पुलिस को अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ी।
पुराने विवाद से जुड़ा है मामला
यह मामला डॉ. नेमी और डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान से जुड़ा है। फरवरी 2025 में डीएम ने सीएमओ कार्यालय और अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर अनियमितताओं की शिकायत शासन को भेजी थी। इसके बाद एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल हुई, जिसमें डॉ. नेमी डीएम के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते सुने गए। डॉ. नेमी ने इसे एआई जनित बताकर खारिज किया और एफआईआर की मांग की थी।
उन्होंने डीएम पर जातिगत टिप्पणियों और सीबीआई चार्जशीटेड फर्म को भुगतान कराने का दबाव बनाने का आरोप भी लगाया था। इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमाई थी—विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और कुछ भाजपा विधायकों ने नेमी का समर्थन किया, तो वहीं विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
अगली सुनवाई 18 अगस्त को
हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश के बाद डॉ. नेमी ने कहा, “यह आदेश प्रशासनिक न्याय और पारदर्शिता की दिशा में अहम कदम है। मैं पूरी ऊर्जा के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में जुटूंगा।” अब इस पूरे विवाद का भविष्य हाईकोर्ट की अगली सुनवाई और विजिलेंस जांच की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा, जो 18 अगस्त को निर्धारित है।
Kanpur DM Vs CMO Controversy: हाईकोर्ट ने CMO डॉ. हरिदत्त नेगी के निलंबन पर लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने कानपुर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेगी (CMO Dr. Hari Dutt Negi) के निलंबन पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही, उनकी जगह किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति पर भी कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें