हाइलाइट्स
- हाईकोर्ट ने ओमेक्स को दो हफ्ते में 25 करोड़ जमा करे
- 170 के बाद 50 और फ्लैट खरीदारों को मिलेंगे
- नोएडा की रुकी परियोजनाओं पर कोर्ट की सख्ती जारी
Omaxe Buildhome vs Allahabad High Court News: रियल एस्टेट क्षेत्र में सक्रिय ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि बिल्डर 25 करोड़ रुपये की राशि दो सप्ताह के भीतर जमा करे और पहले से जारी 170 फ्लैटों के अतिरिक्त 50 और फ्लैट रुकी परियोजनाओं के फ्लैट खरीदारों को आवंटित करे।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने तरुण कपूर सहित 30 याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
क्या है मामला?
ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड ने नोएडा में ‘ग्रैंड ओमेक्स’ और ‘फॉरेस्ट स्पा’ नामक आवासीय परियोजनाएं शुरू की थीं। याचिकाकर्ता फ्लैट खरीदारों का आरोप है कि उन्होंने फ्लैट की पूरी कीमत चुकाने के बावजूद न तो त्रिपक्षीय समझौते (Tripartite Agreement) कराए गए और न ही उन्हें उनके अधिकार के फ्लैट दिए गए।
नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर पर 250 करोड़ रुपये की बकाया राशि के चलते परियोजनाओं की सब-लीज डीड पर रोक लगा दी थी। इसी के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रुख किया।
सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं दी राहत
हाईकोर्ट के पहले आदेश में कहा गया था कि जब तक बिल्डर समस्त बकाया राशि जमा नहीं करता, तब तक नोएडा अथॉरिटी उसे किसी भी परियोजना के लिए अधिभोग प्रमाणपत्र (Occupancy Certificate) या पूर्णता प्रमाणपत्र (Completion Certificate) जारी नहीं करेगी। इस आदेश को ओमेक्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली।
योजना का लाभ लेकर जमा किए 93 करोड़
बिल्डर ने राज्य सरकार की उस योजना का लाभ लिया जिसमें अटकी परियोजनाओं को पुनः सक्रिय करने के लिए विशेष छूट दी गई थी। इसके तहत ओमेक्स ने कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत यानी 93 करोड़ रुपये जमा किए। इसके आधार पर पहले 170 फ्लैट खरीदारों को राहत दी गई और अब कोर्ट ने 25 करोड़ रुपये अतिरिक्त जमा करने पर 50 और फ्लैट जारी करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट के निर्देश
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिल्डर दो सप्ताह के भीतर 25 करोड़ रुपये जमा करता है, तो 50 अतिरिक्त फ्लैट जारी किए जाएंगे। सब-लीज डीड उन्हीं खरीदारों के नाम पर निष्पादित की जाएगी, जिनकी सूची बिल्डर पूरक हलफनामे के साथ कोर्ट को सौंपेगा।
आगे क्या?
याचिकाकर्ता पक्ष ने मामले की निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए इसे लंबित रखने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को अगली सुनवाई में स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
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