हाइलाइट्स
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ओडिशा में नई सरकार का बड़ा फैसला
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जगन्नाथ मंदिर के खुले चारों प्रवेश द्वार
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सीएम मोहन चरण माझी ने मंदिर में की पूजा-अर्चना
Jagannath Temple: ओडिशा में नई सरकार बनते ही पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। दरअसल, गुरुवार (13 जून) को जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के सभी चारों द्वारों को एक बार फिर से खोल दिया गया है।
इस दौरान ओडिशा के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंदिर में पूजा अर्चना की। उनके साथ बालासोर के सांसद प्रतापचंद्र सारंगी और अन्य मंत्री भी मौजूद रहे।
क्या बोले सीएम माझी?
#WATCH | Puri: Odisha CM Mohan Charan Majhi says, "We had proposed to open all the four gates of Jagannath Temple in yesterday's cabinet meeting. The proposal was passed and today at 6:30 am, I along with my MLAs and Puri MP (Sambit Patra) attended the 'Mangala aarti'… For the… pic.twitter.com/vioZvBEjl3
— ANI (@ANI) June 13, 2024
सीएम मोहन चरण माझी ने मंदिर के चारों द्वारा खोले जाने के बाद मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि- ‘हमने कल कैबिनेट की बैठक में जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के सभी चार द्वार खोलने का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव पारित हो गया और आज सुबह 6:30 बजे, मैं अपने विधायकों और पुरी के सांसद (संबित पात्रा) के साथ मंगला आरती में शामिल हुआ।
जगन्नाथ मंदिर और अन्य कार्यों के विकास के लिए, हमने कैबिनेट में एक फंड का प्रस्ताव रखा है। जब हम अगला राज्य बजट पेश करेंगे, तो हम मंदिर प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपए का एक कोष आवंटित करेंगे।’
बीजेपी ने पूरा किया वादा
बता दें कि बुधवार (12 जून) को आदिवासी नेता और चार बार के विधायक मोहन चरण माझी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री (Odisha Chief Minister) के रूप में शपथ ली। ओडिशा में पहली बार कोई बीजेपी नेता मुख्यमंत्री बना है।
शपथ गृहण समारोह के बाद सीएम मोहन चरण माझी पहली कैबिनेट मीटिंग में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जगन्नाथ पुरी मंदिर (Jagannath Puri Temple) के चार प्रवेश द्वार गुरुवार से ही खोलने की बात कही। इसके साथ ही मंदिर के लिए 500 करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड को कैबिनेट ने मंजूरी भी दी।
दरअसल, बीजेपी ने अपने विधानसभा चुनाव (Assembly elections) घोषणापत्र में जगन्नाथ मंदिर के सभी द्वार खोलने का वादा किया था।
कोविड-19 की वजह से बंद हुए थे द्वार
कोविड-19 महामारी के बाद से ही बीजेडी की पिछली सरकार (Govt) ने मंदिर के चारों द्वार बंद करवा दिए थे। इस दौरान श्रद्धालु केवल एक द्वार से ही प्रवेश कर सकते थे, जिससे उन्हें कई तरह की परेशानियां होती थीं। इसे लेकर तब से ही सभी द्वार खोलने की मांग की जा रही थी।