हाइलाइट्स
- अखिलेश बोले: 2027 का चुनाव होगा “योगी बनाम प्रतियोगी”
- निजीकरण से शिक्षा व रोजगार से दूर हो रहा पीडीए वर्ग: अखिलेश
- यूपी साइबर क्राइम में नंबर वन, भ्रष्टाचार चरम पर: सपा अध्यक्ष
SP President Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार 8 मई को एक बार फिर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बड़ा राजनीतिक हमला बोला। लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अखिलेश ने कहा कि 2027 का विधानसभा चुनाव “योगी बनाम प्रतियोगी” होने जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस बार पढ़े-लिखे युवा, रोजगार चाहने वाले, और शिक्षा में सुधार की मांग करने वाले लोग सरकार को हटाने के लिए तैयार हैं।
निजीकरण पर निशाना, पीडीए वर्ग को बताया पीड़ित
अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि हर क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे शिक्षा और नौकरी आम जनता की पहुंच से बाहर होती जा रही है। उन्होंने कहा, “जो लोग कभी सस्ती पढ़ाई की बात करते थे, वही अब निजीकरण के नाम पर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग को शिक्षा और रोजगार से दूर कर रहे हैं।” उनके अनुसार, यह एक सोची-समझी साजिश है ताकि पीडीए समुदाय को मुख्यधारा से अलग रखा जा सके।
भ्रष्टाचार और महंगाई पर भी साधा निशाना
सपा प्रमुख ने सरकार को “अत्यंत अयोग्य” करार देते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया है, जिससे महंगाई भी लगातार बढ़ रही है।
साइबर क्राइम में यूपी को बताया नंबर वन
अखिलेश यादव ने साइबर अपराध को लेकर भी सरकार पर हमला किया और कहा कि डिजिटल इंडिया की बात करने वाली सरकार यह क्यों नहीं बता पा रही कि यूपी साइबर फ्रॉड में देश में पहले नंबर पर क्यों है। उन्होंने कहा कि यहां डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस अधिकारी तक ठगी का शिकार हो रहे हैं, जिससे आम आदमी की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
राजनीतिक जंग की शुरूआत!
अखिलेश यादव के बयानों से स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी ने 2027 के चुनावी अभियान की बिसात बिछानी शुरू कर दी है और अब सीधा मुकाबला योगी आदित्यनाथ से बताया जा रहा है।
कौशाम्बी: शिक्षा विभाग में भर्ती घोटाला, DIOS अधिकारी ने रिटायरमेंट से पहले आउटसोर्सिंग के नाम पर की फर्जी भर्तियां
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के शिक्षा विभाग में गुरुवार 8 मई को एक बड़े भर्ती घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जिसमें सेवानिवृत्त जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) सच्चिदानंद यादव पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि उन्होंने अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले, 31 अप्रैल को, आउटसोर्सिंग के नाम पर फर्जी और मनमानी भर्तियां कीं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें