भोपाल: मैदान चाहे युद्ध का हो या राजनीति का हथियारों के साथ कारगर रणनीति जीत दिलाती है। चंबल ग्वालियर के रण में बीजेपी पिछले तीन दिनों से मैदान में है। दूसरी कांग्रेस भी काउंटर करने जंग का फाइन ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। अगले दो दिनों में पीसीसी चीफ कमलनाथ बैठक कर इसे अंतिम रूप देंगे।
चुनाव आयोग से इशारा मिलते ही प्रदेश में 27 के संग्राम पर घेराबंदी तेज हो गई है। इस जंग के सबसे बड़े मैदान ग्वालियर-चंबल में बीजेपी पिछले तीन दिनों से मेगा शो कर अपना किला मजबूत करने में जुटी है। अब तक 50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं के पार्टी में शामिल होने का दावा किया जा रहा है।
लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस भी इस जंग के फाइनल ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने जा रही है। अगले दो दिनों में पीसीसी चीफ कमलनाथ चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी, और पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और रणनीति पर अंतिम फैसला लेंगे। लेकिन प्रदेश की सियासत में उपचुनाव को लेकर दोनों के अपने-अपने दावे शुरू हो गए हैं।
चंबल ग्वालियर की जंग में कार्यकर्ताओं के साथ बड़े चेहरों पर दांव होगा। बीजेपी कहती है कि उसके कांग्रेस वो बड़ा चेहरा यानि सिंधिया है। जिन्होंने 2018 में उसके विजयरथ को रोका था और इस क्षेत्र से कांग्रेस को 34 में से 26 सीटें दिलाई। लेकिन कांग्रेस ने उनके साथ धोखा किया। उधर कांग्रेस चेहरा नहीं विचारधारा और मूल्यों को लेकर मैदान में उतरेगी।