bhopal: मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह (राहुल भैया) को कोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह की मामहानी का दोषी पाया है। कोर्ट ने उन्हें मामले में 10 हजार रुपए जुर्माना और आदालत की कार्रवाई खत्म होने तक खड़े रहने की सजा सुनाई। मध्य प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी दिग्गद नेता को अदालत ने सजा के तौर पर खड़े रहने का आदेश दिया हो।ajay singh punised by court
अदालत ने रखा खड़ा
मामले की सुनवाई 30 अप्रैल, शनिवार को एमपी-एमएलए के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट विधान माहेश्वरी की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने साधना सिंह के आरोपों पर अजय सिंह को दोषी पाया और उन्हें सजा सुनाई। कोर्ट ने उन्हें 10 हजार रुपए जुर्माना और अदालत उठने तक खड़े रहने की सजा सुनाई। इस दौरान कांग्रेस नेता अजय सिंह दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक कोर्ट में खड़े रहे।ajay singh punised by court
क्या था मामला
9 साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। 9 मई 2013 को सागर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने साधना सिंह पर कई आपत्तीजनक बयान दिए थे। साधना सिंह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का आरोप था कि वोटबैंक को आकर्षित करने के लिए आरोप लगाए थे।ajay singh punised by court
क्या कहा था अजय सिंह ने
9 मई 2013 को सागर में जनक्रांति जनसभा को संबोधित करते हुए तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने साधना सिंह पर कई आपत्तिजनक बयान दिए थे। इसके बाद उन्होंने 4 जून 2013 को खरगोन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि साधना सिंह की असली पहचान बताइये। आगे उन्होंने कहा था कि साधना सिंह को मुख्यमंत्री नोट गिनने की मशीन के रूप में लेकर आए हैं।ajay singh punised by court
शनिवार को कोर्ट ने सुनाया फैसला
उन्होंने बताया था कि चुनावी सभा का प्रसारण विभिन्न न्यूज चैनलों पर हुआ था। समाचार पत्रों में भी उनके व उनकी पत्नी के बारे में अजय सिंह द्वारा की गई व्यक्तिगत टिप्पणियां प्रकाशित हुई थी। यह बात उनके रिश्तेदारों को काफी बुरी लगी थी। इसके साथ ही उन्होंने खुद को काफी अपमानित महसूस किया था। अदालत ने मानहानि के प्रकरण को स्वीकार कर लिया था, तब से इस मामले में सुनवाई चल रही थी। शनिवार को इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।ajay singh punised by court