Toy Plane In Gurudwara For VISA: सिख धर्म में माना जाता है कि वाहेगुरु के समक्ष सिर्फ अरदास की जाती है। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी की वाहेगुरु के समक्ष श्रद्धालुओं विदेश जाने की चाह में खिलौना का जहाज चढ़ाते हैं। लेकिन अब सिख श्रद्धालु विदेश जाने की मन्नत मांगने या पूरी होने पर खिलौना जहाज गुरुद्वारों में नहीं चढ़ा पाएंगे।
लोगों को किया जा रहा जागरूक
में आपको बता दूं की अब श्री अकाल तख्त साहिब के निर्देशों पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) विदेश जाने के लिए गुरुद्वारों में खिलौना प्लेन चढ़ाने का प्रचलन बंद करेगी। गोल्डन टेंपल और अन्य गुरुद्वारों में हवाई जहाज जैसे खिलौने चढ़ाने के चलन को रोकने के लिए सेवादारों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं और लोगों को भी इसके लिए जागरूक किया जाएगा।
बंद करने पर भी किया गया विचार
मिली जानकारी के अनुसार, SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी बीते दिनों श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघबीर सिंह से मिले थे। इस दौरान देश में पैदा हो रहे संप्रदायिक दंगों पर चर्चा की गई। लेकिन इसी बीच पंजाब से बाहर जा रहे युवाओं पर भी चिंतन हुआ।
इस दौरान गुरुद्वारों में विदेश जाने व वीजा पाने के लिए भेंट किए जा रहे खिलौना जहाजों जैसा प्रचलन बंद करने पर भी विचार किया गया।
सेवादारों को भी दिया गया निर्देश
सिख धर्म में माना जाता है कि वाहेगुरु के समक्ष सिर्फ अरदास की जाती है। खिलौना जहाज आदि चढ़ाने की कोई परंपरा नहीं है। श्री हरमंदिर साहिब और अन्य गुरुद्वारों में हवाई जहाज जैसे खिलौने चढ़ाने के चलन को रोकने के लिए सेवादारों को भी निर्देश दिए जा रहे हैं।
जहाज चढ़ाने का वीडियो हुआ था वायरल
जालंधर के एक गुरुद्वारे में विदेश जाने के लिए लोग खिलौना जहाज चढ़ाते हैं। यह प्रचलन इतना अधिक बढ़ गया कि इस गुरुद्वारे को ही हवाई जहाज गुरुद्वारा कहा जाने लगा है। यह प्रचलन अब श्री हरमंदिर साहिब में भी शुरू हो चुका है। बीते दिनों श्री हरमंदिर साहिब में खिलौना जहाज चढ़ाने की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इसे लेकर सिख पंथ के अंदर काफी बहस शुरू हो गई। इस पर अकाल तख्त के जत्थेदार ने गंभीर संज्ञान लिया और इस तरह के प्रचलन रोकने के लिए एसजीपीसी के अध्यक्ष के साथ बैठक भी की।
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