हाइलाइट्स
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एम्स भोपाल में नई सुविधा शुरू
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थोरेसिक ऑन्कोलॉजी सर्जरी की शुरुआत
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बिना बड़ा चीरा लगाए कैंसर ऑपरेशन
AIIMS Bhopal Thoracic Oncology Surgery: एम्स भोपाल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में थोरेसिक ऑन्कोलॉजी सर्जरी की शुरुआत हुई है। एम्स में पहली बार अत्याधुनिक तकनीक से एक जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। इस सर्जरी की खास बात ये है कि इसमें बिना बड़ा चीरा लगाए कैंसर का ऑपरेशन किया जाता है।
कैसे हुई थोरेसिक ऑन्कोलॉजी सर्जरी
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में की गई थोरेसिक ऑन्कोलॉजी सर्जरी में भोजन नली (इसोफेगस) में कैंसर से प्रभावित हिस्से को हटाया गया और उसकी जगह पर पेट के हिस्से से बनाई गई नली को गले तक पहुंचाकर जोड़ा गया। ये सर्जरी थोरोस्कोपिक और लैप्रोस्कोपिक तकनीक से की गई, जिससे मरीज को बड़े चीरे से बचाया जा सका और जल्द स्वस्थ होने की संभावना बढ़ी।
इनकी वजह से मुश्किल ऑपरेशन सफल
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ऑन्कोसर्जन प्रो. डॉ. माधवानंद कर की अगुवाई में जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक किया गया। जटिल ऑपरेशन को डॉ. विनय कुमार (विभागाध्यक्ष, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी), डॉ. अंकित, डॉ. वैशाली (मुख्य एनेस्थेटिस्ट), डॉ. जैनब और डॉ. शिखा सहित एक स्पेशलिस्ट टीम ने सफल बनाया।
MP और आसपास के लोगों को होगा फायदा
एम्स भोपाल का सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग हर साल लगभग 20 हजार कैंसर मरीजों को सेवाएं देता है। मध्यप्रदेश और आसपास के राज्यों से आने वाले इन मरीजों के लिए ये सुविधा वरदान साबित होगी क्योंकि अब उन्हें बड़े शहरों या दूर-दराज के कैंसर सेंटर्स जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
इन मरीजों को मिलेंगे बेहतर परिणाम
फेमस ऑन्कोसर्जन प्रो. डॉ. माधवानंद कर मानना है कि थोरेसिक ऑन्कोलॉजी जैसी अत्याधुनिक सुविधा से इसोफेगस और फेफड़ों के कैंसर के मरीजों के लिए बेहतर परिणाम मिल सकेंगे। डॉ. माधवानंद कर शिक्षण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने देशभर के कई एम्स को मार्गदर्शन दिया है और युवा चिकित्सकों छात्रों को लगातार प्रशिक्षित कर रहे हैं।
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कैंसर मरीजों के लिए उम्मीद की किरण
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के HOD डॉ. विनय कुमार ने कहा कि प्रो. माधवानंद कर के जुड़ने से एम्स भोपाल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ने नई ऊंचाइयां पाई हैं। थोरोस्कोपिक इसोफेगेक्टॉमी और लैप्रोस्कोपिक स्टमक ट्यूब रिकंस्ट्रक्शन जैसी जटिल सर्जरी की शुरुआत मरीजों के लिए एक बड़ा तोहफा है। एम्स भोपाल की यह नई पहल कैंसर मरीजों और उनके परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण है। अब मध्य भारत में ही मरीजों को विश्वस्तरीय कैंसर सर्जरी और उपचार उपलब्ध होगा।
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