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AIIMS Bhopal Harassment Case: डॉक्टर बोलीं- कमरे में अकेले बैठाकर धमकाया... प्रताड़ित किया, HOD डॉ. यूनुस की शिकायत

AIIMS Bhopal Harassment Case: एम्स भोपाल के ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रुति दुबे ने HOD डॉ. मोहम्मद यूनुस पर धमकाने, डराने और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।

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BP Shrivastava
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AIIMS Bhopal Harassment Case

हाइलाइट्स

  • असिस्टेंट प्रोफेसर ने HOD पर लगाए आरोप
  • ICC समिति ने जांच शुरू की
  • एम्स प्रशासन ने शिकायत की पुष्टि
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AIIMS Bhopal Harassment Case: एम्स भोपाल पिछले कुछ दिनों से अपनी निगेटिव खबरों के कारण सुर्खियों में है। नया मामला महिला असिस्टेंट प्रोफेसर की प्रताड़ना को सामने आया है।
ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रुति दुबे ने अपने ही विभागाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद यूनुस पर धमकाने, डराने और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।

शिकायत में महिला डॉक्टर ने क्या लिखा

एम्स प्रशासन ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रुति दुबे द्वारा की गई शिकायत की पुष्टि की है। शिकायत में कहा गया है कि विभागाध्यक्ष डॉ. यूनुस ने उन्हें अकेले में जबरन कमरे में बैठा कर धमकाया और प्रताड़ित किया। मीटिंग में सार्वजनिक रूप से सबके सामने अपमानित किया। डॉ. दुबे ने कहा कि लगातार मानसिक दबाव और धमकी भरे रवैये के कारण वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

ICC ने लिया संज्ञान, HOD बोले- आरोप झूठे

जानकारी के अनुसार यह मामला एम्स की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) तक पहुंच गया है, उसने इसे संज्ञान में लिया है। वहीं विभागाध्यक्ष डॉ. यूनुस ने सभी आरोपों को झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि यह मामला इंटर कंप्लेंट कमेटी के पास है। उन्हें हमने अपनी तरफ से जवाब दे दिया है।

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[caption id="attachment_926020" align="alignnone" width="915"]publive-image एम्स भोपाल।[/caption]

अकेले कमरे में दबाव बनाने का आरोप

डॉ. श्रुति दुबे ने अपनी दो पन्नों की शिकायत में लिखा कि 7 अगस्त 2025 को सुबह 10:40 बजे डॉ. यूनुस बिना पूर्व सूचना के ICU के काउंसलिंग रूम में आए और उन्हें ट्रॉमा विभाग में ड्यूटी जॉइन करने का निर्देश दिया। जब उन्होंने बताया कि उनकी पोस्टिंग ICU में है, तो डॉ. यूनुस ने कहा कि “ऐसे ऑर्डर की कोई वैल्यू नहीं है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि आदेश न मानने पर उनके अप्रूवल पीरियड पर असर पड़ेगा। डॉ. दुबे ने कहा कि उन्हें जबरन कमरे में बैठाकर मानसिक रूप से दबाव डाला गया, जबकि वे कमरे में अकेली थीं और खुद को असुरक्षित महसूस कर रही थीं।

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मीटिंग में इनसल्ट और धमकी दी

शिकायत में डॉ. दुबे ने लिखा कि उसी दिन सुबह 11 बजे विभागीय बैठक में डॉ. यूनुस ने उन्हें सबके सामने अपमानित किया। उन्होंने फैकल्टी और रेजिडेंट्स के सामने झूठा बयान दिया कि डॉ. दुबे ने ट्रॉमा में ड्यूटी के लिए हामी भर दी है। जब उन्होंने विरोध किया, तो डॉ. यूनुस ने सबके सामने चिल्लाकर कहा, “तुम्हारी यहां जरूरत नहीं है।”

असुरक्षा और इस्तीफे पर विचार

डॉ. दुबे का कहना है कि इन घटनाओं के कारण वे मानसिक रूप से टूट गई हैं और अब कार्यस्थल पर खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। उन्होंने लिखा, “मैं अपने करियर की शुरुआत में हूं, लेकिन इस माहौल में काम करना मेरे मानसिक स्वास्थ्य और भविष्य दोनों के लिए खतरा है।”
उन्होंने ICC से सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण की मांग की है, अन्यथा नौकरी छोड़ने पर विचार करने की बात कही है।

महिला प्रोफेसर ने डॉ. यूनुस के समर्थन में 

वहीं विभाग की एक वरिष्ठ महिला प्रोफेसर ने डॉ. यूनुस के समर्थन में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि HOD ने केवल अनुशासन और जिम्मेदारी के प्रति सजगता दिखाने के लिए डॉ. दुबे को मीटिंग में बुलाया था।
उनके अनुसार, पिछले एक वर्ष से डॉ. दुबे ने विभागीय कार्यों और क्लासेस में गंभीरता नहीं दिखाई। जब उनसे जवाबदेही मांगी गई, तो उन्होंने शिकायत कर दी।

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एम्स प्रशासन ने की शिकायत की पुष्टि

एम्स प्रशासन ने डॉ. श्रुति दुबे की शिकायत की पुष्टि की है। फिलहाल ICC ने सभी पक्षों के बयान दर्ज कर लिए हैं और जांच जारी है। एम्स प्रबंधन का कहना है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी ताकि कार्यस्थल पर सुरक्षा और गरिमा बनाए रखी जा सके।

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