AI Medical Technology: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज के दौर में किसी जादू से कम नहीं लगती। इसका प्रभाव हर क्षेत्र में तेजी से देखने को मिल रहा है, फिर चाहे वह शिक्षा हो, बिजनेस हो, सुरक्षा व्यवस्था हो या फिर स्वास्थ्य का क्षेत्र ही क्यों न हो। खासकर मेडिकल साइंस में AI ने बड़ा बदलाव लाना शुरू कर दिया है। पहले जहां बीमारियों की पहचान और उनका इलाज लंबे समय तक चलने वाली प्रक्रिया हुआ करती थी, वहीं अब AI ने इसे काफी आसान और तेज बना दिया है।
अब जानकारी सामने आ रही है कि AI तकनीक आंखों से जुड़ी बीमारियों की पहचान लक्षण नजर आने से पहले ही कर लेगी। यानी मरीज को बीमारी का अंदाजा होने से पहले ही AI उन्हें सचेत कर सकती है। यह टेक्नोलॉजी न केवल समय रहते इलाज की सुविधा देगी बल्कि गंभीर मामलों में मरीजों को अंधा होने से भी बचा लेगी।
कैसे करेगी काम AI?
विशेषज्ञों का कहना है कि AI एल्गोरिद्म और डीप-टेक सॉल्यूशंस आंखों की बीमारियों के इलाज की दिशा पूरी तरह बदल सकते हैं। अभी तक आंखों की बीमारी की पहचान मुख्य रूप से डॉक्टर की एनालिसिस और टेस्ट पर निर्भर रहती है, जिसमें समय ज्यादा लगता है और कई बार शुरुआती बदलाव नजरअंदाज भी हो जाते हैं। लेकिन AI इस समस्या को हल करने की क्षमता रखती है।
AI बड़ी मात्रा में मेडिकल डेटा को बहुत तेजी और सटीकता से प्रोसेस कर सकती है। इसकी मदद से बीमारी को उसकी शुरुआती स्टेज पर ही पकड़ लिया जाएगा। यही नहीं, जहां इंसानी आंखों से मामूली बदलावों को पकड़ पाना मुश्किल होता है, वहीं AI उन सूक्ष्म परिवर्तनों को भी पहचान लेगी।
डायबिटिक रेटिनोपैथी और ग्लूकोमा जैसी बीमारियों में मदद
आई केयर इंडस्ट्रीज से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि आंखों की कई गंभीर बीमारियों की शुरुआत बहुत छोटे-छोटे बदलावों से होती है। जैसे डायबिटिक रेटिनोपैथी और ग्लूकोमा में शुरुआती स्टेज पर रेटिना में हल्का सा बदलाव आता है। मरीज को इसका पता तब तक नहीं चलता जब तक बीमारी बढ़ न जाए।
AI इन शुरुआती बदलावों को तुरंत पकड़ सकती है और डॉक्टरों को सही समय पर चेतावनी दे सकती है। नतीजा यह होगा कि मरीज को बीमारी बढ़ने से पहले ही इलाज मिल सकेगा। यह तकनीक न केवल इलाज आसान बनाएगी बल्कि लाखों लोगों को अंधेपन से बचाने में भी मददगार साबित होगी।
बीमारी से पहले रोकथाम की ओर कदम
मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि तकनीक के विकास के साथ अब केवल बीमारियों का इलाज करना ही काफी नहीं है। जरूरत इस बात की है कि बीमारी होने से पहले ही उसकी पहचान और रोकथाम की जाए। AI इस दिशा में बड़ा योगदान दे सकती है। भविष्य में डॉक्टर और हेल्थकेयर सिस्टम इस तकनीक का इस्तेमाल न केवल इलाज के लिए बल्कि बीमारी की शुरुआती पहचान और उसकी रोकथाम के लिए भी करेंगे। इससे हेल्थकेयर इंडस्ट्री का बोझ कम होगा और मरीजों की जीवन गुणवत्ता बेहतर होगी।
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