हाइलाइट्स
- मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच MOU साइन
- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री रहे मौजूद
- 13 जिलों के किसान होंगे लाभान्वित
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को जयपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा के साथ बैठक की। इस दौरान मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) प्रोजेक्ट में पानी के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ। दोनों राज्यों के सीएम ने MOU साइन कर प्रजोक्ट को मंजूर किया।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री रहे मौजूद
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा ने MOU साइन किया। रविवार शाम करीब 7.30 बजे दोनों सरकारों के बीच सहमति बनी। सीएम मोहन यादव ने इस संबंध में जानकारी दी है।
मुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता है कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में दो दशकों से लंबित संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। आज परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं।
यह परियोजना निश्चित रूप से पश्चिमी… pic.twitter.com/v2qyYtGYUz
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 28, 2024
16 नए बांध बनेंगे
प्रोजेक्ट मंजूर होने से अब मप्र में 16 बांध बनाए जाएंगे। इन बांधों से अत्याधुनिक प्रेशराइज्ड पाइप लाइन की नहर बनाई जाएगी, जिससे किसानों के खेतों में स्प्रिंकलर और ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से सिंचाई हो सकेगी। इन जिलों के गांवों में पेयजल की पाइप लाइन भी बिछाई जाएगी। जिससे ग्रामीणों की पानी की समस्या हल होगी।
13 जिलों के किसानों को होगा लाभ
इस प्रजोक्ट से राज्य के चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ पहुंचेगा। साथ ही .12 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों जैसे इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा।
सीएम यादव ने कही ये बात
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि यह परियोजना 5 वर्ष से कम समय में फलीभूत होगी, जिसकी वर्तमान लागत लगभग 75000 करोड़ रुपए है। प्रदेश के लगभग 1.5 करोड़ आबादी इस परियोजना से लाभान्वित होगी। यह परियोजना प्रदेश की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, जैसी समस्याओं का समाधान कर प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी।