हाइलाइट्स
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आगर मालवा में सरकारी जमीन का विवाद
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इंदौर हाईकोर्ट ने लगाई कॉस्ट
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सोयतकलां नगर परिषद, पूर्व अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पर जुर्माना
Agar Malwa Soyatkalan Land Case: आगर मालवा में सोयतकलां नगर परिषद, पूर्व अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ सरकारी जमीन के कब्जाधारी पर 5-5 हजार का जुर्माना लगा है। सोयतकलां माधव चौक की 380 वर्गफीट जमीन के विवाद में जनहित याचिका का जवाब नहीं देने पर इंदौर हाईकोर्ट बेंच ने ये कॉस्ट लगाई गई है।
इंदौर हाईकोर्ट बेंच में सुनवाई
सोयतकलां नगर के बीचों-बीच मौजूद 380 वर्गफीट जमीन को नगर परिषद द्वारा दुकानों के लिए अवैध रूप से आवंटित करने और उस पर निर्माण की इजाजत देने के मामले को लेकर जनहित याचिका दायर करके चुनौती दी गई थी। राजेश व्यास ने ये याचिका लगाई थी।
3 बार मौका देने पर भी नहीं दिया जवाब
हाईकोर्ट की 2 जजों की बेंच ने 3 जुलाई 2025 को इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान ये सामने आया कि नगर परिषद सोयतकलां, नगर परिषद सोयतकलां के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल माली, पूर्व उपाध्यक्ष हंसराज कुशवाह और जमीन कब्जाधारी चंद्रशेखर को कोर्ट ने 3 बार जवाब देने का मौका दिया था। लेकिन सभी ने समय पर कोई जवाब नहीं दिया। इसके चलते कोर्ट ने चारों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता तनुज तिवारी ने पैरवी की।
जमीनी विवाद केस में कब क्या हुआ ?
2002 में चंद्रशेखर सरकारी जमीन पर कब्जा करता है। इसके बाद नगर परिषद ने सोयतकलां माधव चौक की जमीन किराये पर चंद्रशेखर को दे दी।
2004 में सोयतकलां नगर परिषद ने जमीन वापस लेने की कोशिश की। चंद्रशेखर ने नगर परिषद सोयतकलां के खिलाफ सुसनेर कोर्ट में याचिका लगाई कि बिना नोटिस दिए उसे हटाया जा रहा है।
2008 में कोर्ट ने ये मान लिया कि चंद्रशेखर नगर परिषद सोयतकलां का किरायेदार है। अगर नगर परिषद को चंद्रशेखर को जमीन से हटाना है तो उसे बकायदा नोटिस देकर हटाना चाहिए। 2008 से 2012 तक इस मामले में कुछ नहीं हुआ।
2012 में सोयतकलां नगर परिषद ने चंद्रशेखर को एक बेदखली नोटिस दिया। 2012 में चंद्रशेखर नहीं हटा। उसने किराया देना भी बंद कर दिया।
2016 में दावे का निराकरण हुआ। सुसनेर कोर्ट ने ये माना कि चंद्रशेखर को सरकारी जमीन से हट जाना चाहिए। अगस्त 2017 में सुसनेर कोर्ट से चंद्रशेखर की बेदखली का आदेश हुआ। जमीन नगर परिषद को दे दी गई।
2017 में चंद्रशेखर का परिचित नगर परिषद का अध्यक्ष बन जाता है। 10 मार्च को परिषद की PIC की बैठक में गलत रूप से संकल्प पत्र लाया जाता है। चंद्रशेखर को समझौते के तौर पर 380 वर्गफीट का प्लॉट सिर्फ 200 रुपये महीने के किराये पर दे दिया जाता है।
2022 में याचिकाकर्ता राजेश व्यास ने प्रकरण संबंधित सभी दस्तावेज RTI से प्राप्त करके जनहित याचिका इंदौर हाईकोर्ट बेंच में लगाई।
2025 में 3 जुलाई को सोयतकलां नगर परिषद द्वारा दुकानों के लिए अवैध रूप से जमीन आवंटित करने के खिलाफ जनहित याचिका का जवाब नहीं देने पर सोयतकलां नगर परिषद, पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल माली, पूर्व उपाध्यक्ष हंसराज कुशवाह और जमीन कब्जाधारी चंद्रशेखर पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
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