Amit Shah On New Criminal Laws: सोमवार 1 जुलाई को देशभर में तीन नए कानूनों को लागू कर दिया गया है। वहीं, उसी दिन दोपहर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि आखिर इन कानूनों की आवश्यकता क्यों पड़ी है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यह न्याय व्यवस्था का भारतीयकरण है।
#WATCH | On the new criminal laws, Union Home Minister Amit Shah says, "With a new point of view, these three laws have come into effect from midnight. Now, instead of Indian Penal Code (IPC), there will be Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS). Instead of Criminal Procedure Code (CrPC),… pic.twitter.com/2o6lTddPel
— ANI (@ANI) July 1, 2024
दरअसल, देशभर में मध्य रात्री से इन कानूनों ने काम करना शुरू कर दिया है। वहीं, इसपर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इंडियन पीनल कोड (IPC) के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) आ चुकी है। गृह मंत्री ने कहा कि हमने इसमें संविधान की दफाओं और अध्याय की प्रायोरिटी तय की गई है। इस नए कानूनों में बच्चों और महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है, जो करने की काफी जरूरत थी।
#WATCH | On the new criminal laws, Union Home Minister Amit Shah says, "…We have decided the priority of sections and chapters in line with the spirit of our Constitution. The first priority has been given to (the chapters on) crimes against women and children. I believe that… pic.twitter.com/VbIIa7qfM5
— ANI (@ANI) July 1, 2024
राजद्रोह का अब खत्म
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इससे पहले मॉब लिचिंग के लिए कोई कानून प्रावधान में नहीं था। नए कानून में मॉब लिचिंग को समझाया गया है। साथ ही पहले राजद्रोह ऐसा कानून था, जो कि अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया था वह भी सिर्फ स्वयं की सुरक्षा के लिए। इसी कानून के तहत केसरी पर प्रतिबंध लगाया गया था। राजद्रोह का कानून हमनें समाप्त कर दिया है।
कानूनों में हुआ ये बदलाव
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसके बाद प्रेस वार्ता में कहा कि अब भारतीय दंड संहिता (IPC) के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता (BNS)होगी। दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BANS) होगी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)होगा।
महिलाएं शर्मिंदगी से बचेंगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मेरा मानना है कि यह कानून बहुत पहले ही आ जाना चाहिए था। 35 धाराओं और 13 प्रावधानों वाला एक पूरा चैप्टर इसमें जोड़ा गया है। अब गैंगरेप करने वाले आरोपी पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास होगा।
नाबालिग से बलात्कार पर मृत्युदंड होगा। साथ ही पहचान छिपाकर या झूठे वादे यानी शादी का झासा देकर यौन शोषण करने वालों के लिए भी अलग अपराध परिभाषित किया गया। पीड़िता का बयान उसके घर पर महिला अधिकारियों और उसके अपने परिवार की मौजूदगी में ही लिया जाएगा, इसका प्रावधान भी किया गया है।
इसके अलावा, ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा भी दी गई है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि मेरा मानना है कि इस तरह से बहुत महिलाओं को शर्मिंदगी से बचाया जा सकता है।
IPC के कई सेक्शन में भी हुआ बदला
एक जुलाई 2024 से न सिर्फ तीन नए कानूनों को लागू किया गया है बल्कि काफी लंबे समय से चले आ रही पुरानी आईपीसी की धाराओं में भी बदलाव किया गया है। उदाहरण के लिए समझे दो पहले हत्या करने वाले आरोपी पर IPC की धारा 302 लगाई जाती थी, लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत हत्या करने वाले आरोपी पर 101 की धारा लगाई जाएगी।
हत्या का प्रयास करने वाले आरोपी पर पहले IPC की धारा 307 लगती थी, जबकि अब से BNA की धारा 109 में केस दर्ज किया जाएगा। वहीं, गैर इरादतन हत्या में पहले 304 B की धारा लगाई जाती थी, लेकिन अब BNA 80 लगाई जाएगी। दहेज को लेकर हत्या करने वाले आरोपियों पर पहले 304 B लगती थी और अब BNA की धारा 80 लगाई जाएगी।
चोरी करने वाले आरोपियों की धाराओं में भी बदलाव किया गया है। दरअसल, नए कानून को लागू करने से पहले चोरी करने वाले आरोपी पर IPC की धारा 379 जाती थी, लेकिन अब चोरी करने वाले आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत 303 धारा लगाई जाएगी। 420 की धारा को हर व्यक्ति जनता होगा अब सरकार ने इस धारा को भी पूरी तरह से बदल दिया है। IPC की धारा 420 को अब BNS की 318 के साथ बदल दिया गया है।
इन धाराओं में भी किया बदलाव
बता दें कि केंद्र सरकार ने IPC 376 की धारा को कि बलात्कार करने वाले आरोपियों पर लगाई जाती है इसमें भी बदलाव किया गया है। अब रेप करने वाले आरोपियों को BNS की धारा 64 के तहत सजा दी जाएगी। वहीं, महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले आरोपियों को पहले 354 के तहत सजा मिलती थी, जबकि अब BNS 74 के तहत सजा मिलेगी। इसके अलावा लापरवाही से मौत होने पर पहले IPC की धारा 304A के तहत सजा सुनाई जाती थी, वहीं, अब इसको BNS की धारा 106 से बदल दी गई है। आपराधिक पंड्यंत्र रचने वालों की धारा को भी बदला गया है। IPC की धारा 120 B को बदलकर BNS की 61 कर दी गई।
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