डेस्क रिपोर्ट। देश समेत पूरी दुनिया इस समय कोरोना के कहर से जूझने में व्यस्त है। जहां कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए वैक्सिनेशन समेत तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं कोरोना वायरस के नए-नए वैरियंट दुनिया के देशों में दहशत फैला रहे हैं। हाल ही में दुनिया के कई देशों में कोरोना के डेल्टा और गामा वेरियंट ने जमकर कहर बरसाया है। वहीं अब डेल्टा के बाद दुनिया के 25 देशों में लेम्डा वेरियंट (Lambda variant of coronavirus) की दस्तक देखी जा रही है। लेम्डा वेरियंट संक्रमण फैलाने के मामले में सबसे तेज बताया जा रहा है। भारत में भी इसको लेकर खतरा गहराता जा रहा है। लेम्डा वेरियंट के वायरस का वैज्ञानिक नाम C.37 है। यह वेरियंट यूरोप के कुछ देशों समेत दुनिया के 25 देशों में मिला है। अगर आपके मन में भी लेम्डा वेरियंट को लेकर सवाल हैं तो हम आपके लिए एक्सप्लेनर (Bansal Explainer) लेकर आए हैं। इस एक्सप्लेनर के 6 प्वाइंट्स में हम आपके सारे सवालों के जवाब खोजने का प्रयास करेंगे।
1-हम इस वेरियंट के बारे में कितना जानते हैं?
कोरोना वायरस SARS-COV-2 का एक नया वेरियंट मिला है। इस वेरियंट का नाम वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (The World Health Organization) ने C.37 वायरस C.37 (mutation of the SARS-COV-2 virus) रखा है। इस वेरियंट को लेम्डा वेरियंट भी कहा जाता है। यह वायरस पहली बार 14 जून को सामने आया था। इसके बाद दुनिया के करीब 25 देशों में इस वायरस को देखा गया है। सबसे पहले यह पेरू देश में मिला था। इसके बाद दक्षिणी अमेरिका में यह वायरस तेजी से फैला। बाद में यह वायरस यूके समेत यूरोप के कुछ देशों में पाया गया है।
2- कितना खतरनाक है यह वायरस?
लेम्डा वायरस के बाद WHO और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसको लेकर चेतावनी दी है। इस वायरस को तेजी से फैलने वाला और ज्यादा असरदार बताया गया है। हालांकि अभी भी इस वायरस को नियंत्रण रेखा सीमा के अंदर माना जा रहा है। इस वायरस को अभी तक WHO (The World Health Organiza tion) ने आधिकारिक तौर में खतरनाक घोषित नहीं किया है। यह कोरोना के मिलने वाले वेरियंट्स में सबसे नया और सातवें नंबर का वायरस है। हालांकि इस वायरस पर अभी एडवांस रिसर्च नहीं हो पाई है। यह सबसे नया वेरियंट है। इसके बारे में जांच की जा रही है। हालांकि विशेषज्ञों ने अपनी चेतावनी में कहा है कि यह वेरियंट तेजी से फैलता है और शरीर को भी तेजी से नुकसान पहुंचाता है। हालांकि इस वायरस के घटने और बढ़ने के कारणों की अभी पूरी तरह जांच नहीं हो पाई है।
3-अल्फा और गामा से ज्यादा खतरनाक है यह वेरियंट
कोरोना के इससे पहले भी कई वेरियंट सामने आ चुके हैं। लेम्डा वेरियंट के इस वायरस को अभी भी खतरनाक वायरस की सूची में नहीं रखा गया है। इसके बाद भी यह काफी घातक माना जा रहा है। यह वेरियंट करीब 7 म्यूटेशन से मिलकर बना है। इसकी संक्रमण फैलाने की क्षमता भी काफी तेज है। इससे पहले मिलने वाले डेल्टा वेरियंट में केवल 3 म्यूटेशन पाए गए थे। वहीं लेम्डा में 7 म्यूटेशन देखे गए हैं। इस वायरस में डेल्टा और गामा से भी ज्यादा संक्रमण दर देखे जाने की भी बात कही गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह वेरियंट अभी नया है तो इस पर रिसर्च होना बाकी है। साथ ही यह दुनिया के 25 देशों के छोटे-छोटे हिस्सों में मिला है। इसके संक्रमण के कारणों अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।
4- वैक्सीन के बाद कितना घातक है यह वेरियंट?
इस लेम्डा वैरियंट के बारे में अभी भी वैज्ञानिकों द्वारा लगातार जांच की जा रही है। वहीं शुरुआती जांच में सामने आ रहा है कि यह वायरस वैक्सीन लगवाने के बाद भी काफी नुकसानदायक है। लेम्डा वायरस शरीर में घुसकर वैक्सीन लगवाने के बाद बनी एंटीबॉडीज को नष्ट कर रहा है। इतना ही नहीं शरीर द्वारा बनाई जा रही एंटीबॉडीज भी लेम्डा वेरियंट द्वारा नष्ट की जा रही है। इस 7 म्यूटेशन वाले इस वेरियंट को आने वाले समय के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरियंट से भी ज्यादा खतरा इस वेरियंट से बताया जा रहा है। हालांकि यह अभी 25 देशों के छोटे-छोटे हिस्सों में पाया गया है। वहीं अभी इस वायरस के बारे में पूरी तरह रिसर्च किया जाना बाकी है।
5- भारत में इस वायरस का कितना खतरा?
दुनिया के 25 देशों में तेजी से फैलते दिख रहे इस वायरस से भारत में राहत की खबर है। यहां इस वेरियंट का एक भी मरीज अभी तक सामने नहीं आया है। इतना ही नहीं भारत के पड़ोसी देशों में लेम्डा वेरियंट नहीं मिला है। हालांकि भारत अभी कोरोना की दूसरी लहर यानी डेल्टा वेरियंट के कहर से पूरी तरह मुक्त नहीं हुआ है। वहीं लेम्डा वायरस दुनिया के अन्य देशों में तबाही मचाना शुरू कर चुका है।
6- क्या हैं इसके लक्षण?
भारत हाल ही में कोरोना के डेल्टा वेरियंट से उबरा है। वहीं दुनिया के 25 देशों में इसकी दस्तक देखने को मिल रही है। अब भारत में इसको लेकर एहतियात बरतने शुरू हो चुके हैं। इस वायरस के लक्षण भी ज्यादातर कोरोना के पुराने वेरियंट जैसे ही हैं। इस वायरस की चपेट में आने के बाद जुकाम के साथ भारी कफ, तेज बुखार, स्वाद/सुगंध न आना, सांस लेने में परेशानी और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लेम्डा वायरल अन्य वेरियंट्स की तुलना में तेजी से फैलता है। इसको लेकर लोगों को लगातार कोरोना नियमों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।