भोपाल। प्रदेश में अभी कोरोना की दूसरी लहर का कहर पूरी तरह थमा नहीं था कि अब जीका और डेंगू के वायरस की दहशत फैल गई है। राजधानी में करीब 103 घरों से डेंगू वायरस का लार्वा मिला है। डेंगू के साथ बारिश के सीजन में मलेरिया का खतरा भी बढ़ गया है। इसी को देखते हुए प्रशासन भी गंभीर हो गया है। भोपाल के मलेरिया अधिकारी डॉ. अखिलेश दुबे ने मीडिया को बताया कि जीका वायरस का अलर्ट मिला था। इसको लेकर अब तैयारियां पूरी हो गईं हैं। राजधानी के अस्पतालों में जांच की किट उपलब्ध करा दी गई है।
भोपाल के एम्स अस्पताल में इसकी जांच की व्यवस्था की गई है। साथ ही इसको लेकर जागरुकता भी फैलाई जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार क्षेत्र में जाकर मलेरिया के सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम को राजधानी के करीब 103 घरों में डेंगू वायरस का लार्वा मिला है। हालांकि जीका वायरस अभी तक नहीं मिला है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार जांच में जुटी है। प्रदेश में साल 2018 में आखिरी बार जीका वायरस देखा गया था। उस समय प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में इसका कहर फैला था। हालांकि अब तक एक भी जीका वायरस का केस नहीं मिला है।
क्या है जीका वायरस?
जीका मच्छर से होने वाला एक वायरस है, जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर की एक संक्रमित एडीज प्रजाति के काटने से फैलता है, WHO के अनुसार, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन में काटते हैं। ये सुबह-सुबह, दोपहर या फिर शाम को पीक पर होते हैं। बतादें कि ये वही मच्छर हैं, जो जेंगू, चिकनगुनिया फैलाते हैं। हालांकि इस वायरस को लेकर अच्छी बात ये है कि इससे ज्यादातर लोगों को खतरा नहीं है, लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए और खासतौर पर भ्रूण के लिए यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है।
कैसे फैलता है वायरस
दरअसल, जीका वायरस प्रेग्नेंट महिला से उसेक भ्रूण में आसानी से पहुंच जाता है। जीका वायरस, सेक्सुअल कॉन्टैक्ट, ब्लड ट्रांसफ्यूश्न और ब्लड प्रोडक्ट्स या अंग प्रत्यारोपण के जरिए भी फैल सकता। वैज्ञानिक अभी भी प्रेग्नेंसी के रिजल्ट और बच्चों एवं अडल्ट्स में जीका वायरस के प्रभावों की पूरी सीरीज पर रसर्च कर रहे हैं।