Fact About Time : सुबह जागने, कोई काम करने या फिर कही जाने के लिए हम समय जरूर देखते है, और इसके लिए हम घड़ी का इस्तेमाल करते है। घड़ी का हमारे जीवन में काफी महत्व है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर एक घंटे में 60 मिनट और 1 मिनट में 60 सेकंड ही क्यों होते है, 100 या कुछ और क्यों नहीं होते?
एक हिंदी वेबसाइट के अनुसार समय की गणना का ये तरीका बेबीलॉग के लोगों ने विकसित किया था, जो कि मेसोपोटामिया की सभ्यता में रहते थे। समय की गणना के लिए उन लोगों ने बाएं हाथ के अंगूठे से चार अंगुलियों के 12 हिस्सों के निशान को गिना था। बेबीलॉग के लोग 12 अंक को सबसे पवित्र मानते थे। इसके बाद उन लोगों ने दिन और रात को इसी 12 अंक के आधार पर बांट दिया। उन्हें उस वक्त ये नहीं पता था कि पृथ्वी सूर्य का 24 घंटे में चक्कर लगाती है। उन्होंने 12-12 के आधार पर दिन-रात मान लिए। बाद में जाकर 24 घंटे वाली बात सही साबित हुई।
बेबीलॉन ने ही की 60 मानक की शुरूआत
एक रिपोर्ट के अनुसार समय की गणना के लिए 60 मानक की शुरुआत बेबीलॉन के लोगों ने ही की थी। बेबीलॉन के लोगों ने अपने दाहिने हाथ के जरिए बांए हाथ की चार अंगुलियों के निशानों को अलग-अलग अंगुलियों और अंगूठे से गिना। ऐसा करने पर उनका जोड़ 60 आया। हालांकि उस वक्त ये समय की सटीक जानकारी नहीं थी। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि बेबीलॉन के लोगों ने 60 नंबर सुमेरियों से प्राप्त किया था।
60 नंबर ही क्यों चुना?
ऐसा माना जाता है सुमेरियों के लिए 60 की संख्या ही 100% के बराबर थी। इसलिए उन्होंने समय को 60 अंक में नापा। लेकिन बाद में 60 की संख्या को ही वरीयता दी गई, क्यों कि ये सबसे सटीक थी। इसके अलावा इसका एक राज गणित में भी छिपा है। दरअसल, 60 ऐसी संख्या है, जो कई संख्याओं से विभाजित होती है। ये 2,3,4,5,6,10,12 जैसी संख्याओं से विभाजित होती है। ऐसे में 60 संख्या के आधार पर घंटा, मिनट और सेंकड का समझने में आसानी हुई।