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इस शहर को बनाया गया था भारत की एक दिन की राजधानी? यहां घूमने से पहले जानिए ये दिलचस्प बातें

घूमने-फिरने के शौकीन लोग जब कहीं घूमने जाते हैं तो वहां के नजारे देखने के साथ-साथ उस जगह की खासियतों और इतिहास में भी काफी दिलचस्पी दिखाते हैं।

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इस शहर को बनाया गया था भारत की एक दिन की राजधानी? यहां घूमने से पहले जानिए ये दिलचस्प बातें

घूमने-फिरने के शौकीन लोग जब कहीं घूमने जाते हैं तो वहां के नजारे देखने के साथ-साथ उस जगह की खासियतों और इतिहास में भी काफी दिलचस्पी दिखाते हैं।

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इतना ही नहीं अगर आपको किसी जगह के बारे में पहले से जानकारी हो तो वहां जाने का मजा ही अलग होता है।

संगम नगरी के नाम से मशहूर प्रयागराज भी बेहद खूबसूरत शहर है, जिससे मुगलकाल से लेकर ब्रिटिश काल तक कई दिलचस्प कहानियां जुड़ी हुई हैं।

लेकिन इसके अलावा क्या आप जानते हैं? इस शहर को एक दिन के लिए भारत की राजधानी भी बनाया गया था। जी हां, जानिए इसे भारत की एक दिवसीय राजधानी क्यों बनाया गया।

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इस शहर को इलाहाबाद किसने दिया नाम ?

प्रयागराज को पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, हालाँकि आज भी शहर के कई लोग इसे इलाहाबाद ही कहते हैं। इस शहर की स्थापना मुगल सम्राट अकबर ने की थी और उन्होंने इसका नाम इलाहाबाद रखा।

अकबर ने शहर का नाम इलाहाबाद रखा, जिसका अर्थ है 'अल्लाह का शहर'। बाद में इस शहर को इलाहाबाद कहा जाने लगा। यह शहर मुगल साम्राज्य के दौरान एक प्रांतीय राजधानी बन गया और 1599 से 1604 तक सम्राट जहांगीर का मुख्यालय था।

ब्रिटिश काल में एक दिन के लिए बनाई गई राजधानी

मुगलों के पतन के बाद ब्रिटिश काल शुरू हुआ। ब्रिटिश काल में इस शहर को एक दिन के लिए राजधानी बनाये जाने का गौरव प्राप्त हुआ था।

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साल 1858 में इलाहाबाद को एक दिन के लिए भारत की राजधानी भी घोषित किया गया था। जिस समय इलाहाबाद को भारत की राजधानी बनाया गया था, उस समय यह शहर उत्तर पश्चिमी प्रांत की भी राजधानी था।

अब यह बन गया है एक पर्यटन केंद्र

प्रयागराज लंबे समय से एक प्रशासनिक और शैक्षणिक केंद्र रहा है। और अब बात करें प्रयागराज में पर्यटन की तो शहर और इसके आसपास कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं। यहां बहुत से लोग घूमने आते हैं। पहला स्थान है त्रिवेणी संगम, यह वह स्थान है जहां तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है।

यह जगह पूरी दुनिया में बहुत मशहूर है और इस जगह की वजह से कई लोग प्रयागराज को संगम नगरी भी कहते हैं। इस स्थान पर हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है और हर 6 साल में अर्ध कुंभ का भी आयोजन किया जाता है।

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इसके अलावा घूमने के लिए आप इलाहाबाद के खुसरो बाग भी जा सकते हैं, यहां आप मुगल वास्तुकला भी देख सकते हैं। इसके अलावा यहां का आनंद भवन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह कभी नेहरू परिवार की हवेली थी। 1970 में इंदिरा गांधी ने यह हवेली भारत सरकार को दान कर दी थी। अब यह स्थान आनंद भवन के नाम से जाना जाता है।

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