वाशिंगटन। अमेरिका ने अफगानिस्तान Afghanistan Crisis में इस्लामिक स्टेट के ‘‘साजिशकर्ता’’ के खिलाफ ड्रोन हमला किया। अमेरिका ने काबुल हवाईअड्डे पर आत्मघाती धमाकों के 48 घंटे से भी कम समय में यह जवाबी कार्रवाई की है। हमले में 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गयी।
अमेरिका के सेंट्रल कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने शुक्रवार को कहा, ‘‘अमेरिकी सेना ने इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएसके) साजिशकर्ता के खिलाफ आज आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया। यह मानवरहित हवाई हमला अफगानिस्तान के नांगहर प्रांत में हुआ। शुरुआती संकेत मिले Afghanistan Crisis हैं कि हमने लक्षित व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया। हमारे पास किसी भी असैन्य व्यक्ति के न मारे जाने की जानकारी है।’’
इससे पहले व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन काबुल हवाईअड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादियों को जिंदा नहीं छोड़ना चाहते। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्होंने कल यह स्पष्ट कर दिया वह उन्हें धरती पर Afghanistan Crisis जिंदा नहीं छोड़ना चाहते।’’ बहरहाल, अभी यह पता नहीं चला है कि क्या बृहस्पतिवार को काबुल हवाईअड्डे पर हुए हमले में आईएसआईएस-के का साजिशकर्ता शामिल था।
अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध ‘इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत’ (आईएसकेपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हमले में मारे गए 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत का बदला लेने की Afghanistan Crisis प्रतिबद्धता जतायी और इसके लिए जिम्मेदार आतंकवादियों से कहा, ‘‘हम तुम्हें मार गिरायेंगे और तुम इसकी कीमत चुकाओगे।’’
बाइडन ने Afghanistan Crisis बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में कहा, ‘‘जिन्होंने यह हमला किया और साथ ही जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहता हैं, उन्हें बता दूं कि हम बख्शेंगे नहीं। हम भूलेंगे नहीं। हम तुम्हें मार गिराएंगे और तुम इसकी कीमत चुकाओगे। मैं अपने हितों और अपने लोगों की रक्षा करूंगा।’’