नई दिल्ली। (भाषा) शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने दिल्ली में 18 फरवरी से नर्सरी (Play-School Admission) के लिए दाखिले शुरू होने की आज घोषणा की, जिसके बाद चिंतित अभिभावकों को थोड़ी राहत मिली है। अधिसूचित कार्यक्रम के अनुसार, आवेदन प्रक्रिया 18 फरवरी को शुरू होगी और आवेदन दाखिल करने की आखिरी तारीख चार मार्च है। पहली सूची 20 मार्च को जारी की जाएगी और अगर जरूरत हुई तो, दूसरी सूची 27 मार्च को जारी की जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया 31 मार्च को सम्पन्न होगी। डीओई ने यह भी निर्देश दिया कि कोविड-19 के कारण स्कूलों के बंद होने और परिसर में इस स्तर पर किसी कक्षाओं का आयोजन ना होने के मद्देनजर दाखिले के समय निर्धारित पंजीकरण शुल्क, प्रवेश शुल्क, सावधानी शुल्क (यदि स्कूल पहले से ऐसे शुल्क लेता है) और शिक्षण (ट्यूशन) शुल्क के अलावा कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
Nursery admission schedule announced by the Delhi govt…. best wishes for all the parents and kids. pic.twitter.com/bGANGnZLvS
— Manish Sisodia (@msisodia) February 10, 2021
कोरोना के बाद स्कूलों की रौनक वापस
इसके बाद अगला आदेश जारी होने तक छात्रों से केवल शिक्षण (ट्यूशन) शुल्क लिया जाएगा। केजरीवाल ने नर्सरी के दाखिले संबंधी घोषणा के बाद ट्वीट किया, ‘‘सभी अभिभावकों और बच्चों को बधाई। कोरोना को हराकर हमें अब धीरे-धीरे अपने स्कूलों की रौनक वापस लानी है। हमारे स्कूल अपने बच्चों का इंतज़ार कर रहे हैं।’’ दिल्ली में आमतौर पर करीब 1700 स्कूलों में नर्सरी के लिए दाखिलें नवम्बर माह के आखिरी सप्ताह में शुरू होते रहे हैं। डीओई दिशानिर्देश जारी कर स्कूलों को आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहता है, जिसके बाद दिसम्बर में आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाती है।
स्कूल नौ महीने से बंद
पिछले साल ऐसा नहीं किया गया था। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने दिसम्बर में कहा था कि कोविड-19 के मद्देनजर स्कूलों के नौ महीने से बंद होने के कारण नर्सरी(Play-School Admission) के दाखिले की प्रक्रिया को रद्द करने के प्रस्ताव पर गौर किया जा रहा है। स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पिछले महीने नर्सरी की दाखिला प्रक्रिया रद्द करने से इनकार कर दिया था। दाखिले से जुड़े दिशा-निर्देश साझा करते हुए डीओई के निदेशक उदित प्रकाश राज ने कहा, ‘‘ उपरोक्त अनुसूची में किसी भी निर्देश की अवहेलना स्वीकार नहीं की जाएगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला
अभिभावकों के लिए विवरण-पुस्तिका (प्रॉस्पेक्टस) खरीदना वैकल्पिक होना चाहिए।’’ नियमों के अनुसार , प्री-स्कूल, प्री-प्राइमरी और पहली कक्षा में बच्चों को दाखिला देने वाले सभी निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों (जिन्हें कोई सहायता नहीं दी जाती) को ईडब्ल्यूएस या डीजी श्रेणी के छात्रों और दिव्यांग वाले बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखनी होती है। प्रवेश के लिए उपलब्ध सीटों के साथ सभी प्रवेश स्तर की कक्षाओं का विवरण सभी स्कूलों द्वारा घोषित किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि संबंधित उप निदेशक (जिला) की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले में एक निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक निजी स्कूल मानदंड और उनके बिंदुओं को ऑनलाइन मॉड्यूल पर अपलोड करे तथा स्कूल उन मानदंडों को नहीं अपनाए जिन्हें विभाग द्वारा समाप्त कर दिया गया था और दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी उसके फैसले को बरकरार रखा था।