सरगुजा। एक 87 साल का बुजुर्ग बीते 4 साल से अपने जिंदा होने की गुहार प्रशासन के सामने लगा रहा है, लेकिन प्रशानसन सुनने को तैयार नहीं है। यह कहानी है छत्तीसगढ़ के सरगुजा में लुंड्रा विकासखंड के ग्राम रघुनाथपुर में रहने वाले गेदरू एक्का की। आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा वृद्ध गेदरू एक्का जब बैंक में अपनी पेंशन न आने से परेशान हुआ तो वह जनपद कार्यालय पहुंच गया। यहां पेंशन विभाग के अधिकारियों से उसने पेंशन की राशि न आने की बात कही। लेकिन यहां से उसे जो जवाब मिला उसे सुनकर उसके होश उड़ गए।
कागजों में मृत घोषित कर दिया
पेंशन विभाग के अधिकारियों ने गेदरू से कहा कि कागजों में उसे मृत घोषित कर दिया गया है, जिससे उसे पेंशन नहीं दी जा सकती। अधिकारियों ने बताया कि पंचायत से उन्हें गेदरू एक्का के मृत होने की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद से उसकी पेंशन रोक दी गई है। अब उसे अपने जिंदा होने का सबूत लिखित में लाकर जमा करना होगा, जिसके बाद ही उसकी पेंशन मिल सकती है। लेकिन वृद्ध अपने जिंदा होने का सबूत इकट्ठा करने के लिए सरकारी कार्यलयों के के चक्कर काट रहे है, लेकिन अब तक वह अपने आप को जिंदा साबित नहीं कर पाया।
परेशानी सुन कलेक्टर भी हुए हैरान
अब प्रशासन और अधिकारियों से तंग आकर गेदरू सरगुजा कलेक्टर के पास जनदर्शन में अपनी पीड़ा लेकर पहुंचा। यहां उसने कलेक्टर से कहा कि साहब, मैं जिंदा हूं, लेकिन मरा घोषित करके मुझे पेंशन नहीं दी जा रही है। यह सुनते ही कलेक्टर भी परेशान हो गए कि ऐसा कैसे हो सकता है। हलांकि, वृ्द्ध द्वारा की गई शिकायत के बाद मामले की जांच करने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है। फिलहाल वृद्ध अपने आप को जिंदा साबित नहीं कर सका है।