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Vikrant Bhuriya vs Mahesh Kashyap Controversy Adivasi Politics Chhattisgarh
Vikrant Bhuriya vs Mahesh Kashyap Controversy: आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने रायपुर में प्रेस वार्ता (Press Conference) कर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि देशभर में अगर कहीं आदिवासियों का सबसे ज्यादा शोषण हो रहा है, तो वह छत्तीसगढ़ है। भूरिया ने कहा कि राज्य में आदिवासी नेताओं (Adivasi Leader) को जेल भेजा जा रहा है, आदिवासियों को मूर्ति नहीं बल्कि सम्मान चाहिए।
उन्होंने जंगलों की कटाई, खनिज संसाधनों के दोहन और कॉर्पोरेट हितों की पूर्ति के लिए आदिवासी हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री (Adivasi CM) बनने के बावजूद जमीन पर आदिवासियों की हालत नहीं बदली है।
कांग्रेस ने आदिवासियों को दिया काला पानी: सांसद कश्यप
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Mahesh Kashyap mp BASTAR[/caption]
विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuriya) के आरोपों पर बस्तर सांसद महेश कश्यप (Mahesh Kashyap) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आदिवासियों के हितों की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि कांग्रेस के शासनकाल में ही आदिवासियों को 'काला पानी' (Kala Pani) की सजा दी गई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ही माओवाद और नक्सलवाद (Maoism and Naxalism) जैसे कलंकों को देश पर थोपा और अब उसी पार्टी के नेता आदिवासियों के हितैषी बनने की कोशिश कर रहे हैं। कश्यप ने कहा कि भाजपा ने आदिवासियों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है, और आज बस्तर दुनिया के नक्शे पर खड़ा हुआ है।
आदिवासी प्रशिक्षण शिविर और राजनीतिक बयानबाजी
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Vikrant Bhuriya Congress[/caption]
भूरिया (Bhuriya vs Kashyap Controversy) ने कांकेर (Kanker) में कांग्रेस द्वारा आयोजित होने वाले तीन दिवसीय आदिवासी प्रशिक्षण शिविर (Tribal Training Camp) की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास विचारधारा है, और यही उनकी असली ताकत है। वहीं, भाजपा का आरोप है कि यह शिविर सिर्फ राजनीतिक भ्रम (Political confusion) फैलाने का प्रयास है। कश्यप ने इसे कॉर्पोरेट के तलवे चाटने की ट्रेनिंग कहकर तंज कसा।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव का कांग्रेस पर तीखा पलटवार
छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुद्दों पर गरमाई राजनीति के बीच उपमुख्यमंत्री अरुण साव (Deputy Chief Minister Arun Sao) ने भी आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया के बयानों पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आदिवासी समाज के उत्थान के लिए जितने कार्य हुए हैं, उतने कांग्रेस शासन में कभी नहीं हुए। कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों पर अत्याचार किया, और जब आज उनके लिए बेहतर काम हो रहे हैं, तो कांग्रेस को यह स्वीकार नहीं हो रहा।
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Deputy Chief Minister Arun Sao[/caption]
उपमुख्यमंत्री साव ने विक्रांत भूरिया द्वारा भाजपा के प्रशिक्षण शिविर को “कॉरपोरेट के तलवे चाटने वाला प्रशिक्षण” कहे जाने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “ये लोग एक ही परिवार की चाटुकारिता में लगे रहते हैं, इन्हें प्रशिक्षण का असली मतलब कभी समझ नहीं आएगा। भाजपा तो जनसंघ काल से ही प्रशिक्षण परंपरा का पालन कर रही है।” उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जनता अब सब जानती है।
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सियासी तापमान और बयानबाजी की तीव्रता बढ़ी
छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुद्दों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। जहां कांग्रेस आदिवासियों के शोषण का आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा कांग्रेस (BJP vs Congress) पर माओवाद के समर्थन, भ्रष्टाचार और आदिवासी विरोधी रवैये का दोष मढ़ रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा छत्तीसगढ़ की राजनीति (Adivasi Politics) में और गरमाने वाला है।
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