बेंगलुरु। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान पर लगे ‘सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप’ (एसयूआईटी) उपकरण ने 200-400 एनएम तरंगदैर्ध्य रेंज में सूर्य की पहली पूर्ण-डिस्क तस्वीरें सफलतापूर्वक खींची हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, एसयूआईटी ने विभिन्न वैज्ञानिक फिल्टर का उपयोग करके इस तरंगदैर्ध्य रेंज में सूर्य के प्रकाशमंडल और वर्णमंडल की तस्वीरें खींचीं हैं।
इसरो ने एक बयान में शुक्रवार को कहा, ’20 नवंबर, 2023 को, एसयूआईटी उपकरण को चालू किया गया था। दूरबीन ने छह दिसंबर, 2023 को पहली प्रकाश विज्ञान तस्वीरें लीं।’
Aditya-L1 Mission:
The SUIT payload captures full-disk images of the Sun in near ultraviolet wavelengthsThe images include the first-ever full-disk representations of the Sun in wavelengths ranging from 200 to 400 nm.
They provide pioneering insights into the intricate details… pic.twitter.com/YBAYJ3YkUy
— ISRO (@isro) December 8, 2023
इसरो ने बयान में कही ये बात
इसरो ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में बताया कि SUIT विभिन्न वैज्ञानिक फिल्टरों का उपयोग करके इस वेवलेंथ रेंज में सूर्य के फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर की तस्वीरों को कैद करता है। बयान में कहा गया कि 20 नवंबर, 2023 को सूट पेलोड चालू किया गया था।
एक सफल प्री-कमीशनिंग चरण के बाद, टेलीस्कोप ने 6 दिसंबर, 2023 को अपनी पहली लाइट साइंस इमेज लीं। इन तस्वीरों को 11 अलग-अलग फिल्टर का उपयोग करके लिया गया है।
ये है इसरो का आदित्य-एल1 मिशन
इसरो ने सौर वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट व्हीकल (PSLV-C57) के जरिए आदित्य एल1 मिशन को लॉन्च किया था।
मिशन का उद्देश्य
सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के सिस्टम में ऐसे पांच बिंदु हैं। L1 ऐसा बिंदु है जहां से चौबीस घंटे सूर्य पर बेरोकटोक नजर बनाए रखी जा सकती है।
मिशन का उद्देश्य पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर लांग्रेज बिंदु 1 (L1) की प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होना है। लांग्रेज बिंदु अंतरिक्ष में ऐसे स्थान होते हैं जहां किसी चीज को रखने पर उन्हें वहां लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है। वैज्ञानिक जोसेफ लुई लाग्रेंज के नाम पर इन प्वाइंट्स का नाम रखा गया है।
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