कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने वाली अभिनेत्री श्राबंती चटर्जी ने बृहस्पतिवार को पार्टी छोड़ दी। वह राज्य विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज उम्मीदवार पार्थ चटर्जी खिलाफ मैदान में उतरी थीं, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अभिनेत्री ने ‘‘पश्चिम बंगाल के लिए काम करने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गंभीर नहीं होने’’ का हवाला देते हुए अपने इस्तीफे की घोषणा की।
जोरदार प्रचार के बाद भी राज्य में ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने में उसकी विफलता के बाद से ही चटर्जी भाजपा से दूरी बना कर रह रही थीं। चटर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘ पिछला चुनाव मैंने जिस पार्टी के टिकट पर लड़ा था, उससे मैं अपना संबंध खत्म कर रही हूं। पश्चिम बंगाल के मुद्दे को आगे बढ़ाने में पार्टी की पहल की कमी मेरे इस फैसले की वजह है।’’ भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने अभिनेत्री के पार्टी छोड़ने के निर्णय को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए दावा किया कि ‘‘इससे पार्टी पर बमुश्किल कोई फर्क पड़ेगा।’ भाजपा प्रदेश प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वह चुनाव के बाद पार्टी के साथ थीं भी या नहीं। इसका पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’’
Severing all ties with the BJP, the party for which I fought the last state elections.Reason being their lack of initiative and sincerity to further the cause of Bengal…
— Srabanti (@srabantismile) November 11, 2021
मजूमदार के ही बयान को दोहराते हुए भाजपा नेता तथागत रॉय ने कहा कि यह अच्छा ही हुआ। भाजपा को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली हार के लिए रॉय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधते रहे हैं। रॉय ने वैसे लोगों को पार्टी में शामिल करने की आलोचना की थी, जिनका कोई राजनीतिक आधार नहीं है और खास तौर पर वे मनोरंजन की दुनिया से आते हैं। उन्होंने पार्टी के विश्वसनीय कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने की भी निंदा की थी।
मेघालय और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल ने कहा, ‘‘ अच्छा ही हुआ कि मुक्ति मिली। मुझे याद नहीं है कि उन्होंने पार्टी में कुछ योगदान भी दिया हो।’’ कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की करीबी रहीं चटर्जी इस साल मार्च में भाजपा में शामिल हो गई थीं। वह पार्थ चटर्जी से 50,000 से ज्यादा मतों से हारी थीं।