नई दिल्ली। Tithi ke Anusar Karya: हमारे हिन्दू धर्म में हर काम को करने के लिए एक तिथि निर्धारित की गई है। पर क्या आपको पता है हिन्दू पंचांग के अनुसार किस तिथि में कौन सा कार्य करना चाहिए। यदि आप नहीं जानते हैं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि तिथि के अनुसार कौन सा कार्य करना शुभ होता है।
तिथि के पांच भाग
शास्त्रों के अनुसार तिथियों को पांच भागों में बांटा गया है। नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता और पूर्णा। क्रमानुसार पहली तिथि यानी प्रतिपदा होगी नंदा, द्वितीया भद्रा, तृतीया जया, चतुर्थी रिक्ता और पंचमी पूर्णा।
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पांच तिथियों के 15 दिन, फिर बनता है एक पक्ष (Tithi ke Anusar Karya)
जैसा कि बताया गया है कि मुख्य रूप से तिथियों के पांच भाग होते हैं। इन पांच भागों में तीन-तीन तिथियां आती हैं। इस हिसाब से इन पांचों तिथियों की पुनरावृत्ति होती है। इस हिसाब से तिथियों के ये दिन होते हैं।
नंदा: 1, 6, 11
भद्रा: 2, 7, 12
जया: 3, 8, 13
रिक्ता: 4, 9, 14
पूर्णा: 5, 10, 15 तिथियां कहलाती हैं।
नंदा तिथि में कौन से कार्य करना चहिए (Tithi ke Anusar Karya)
ज्योतिष के अनुसार प्रतिपदा, षष्ठी और एकादशी तिथि को नंदा तिथि कहते हैं। धर्म के अनुसार इन तिथियों में किसी नए व्यापार-व्यवसाय की शुरूआत की जा सकती है। साथ ही इस तिथि में भवन निर्माण कार्य भी शुरू करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। तो आपने जाना कि भद्रा तिथि में कौन से काम करना चाहिए।
भद्रा तिथि में कौन से कार्य करना चहिए (Tithi ke Anusar Karya)
दूसरे नंबर पर जो तिथि आती है वह भद्रा तिथि कहलाती है। ज्योतिष के अनुसार द्वितीया, सप्तमी और द्वादशी भद्रा तिथि कहलाती हैं। इन तिथियों में धान, अनाज लाना, गाय-भैंस, वाहन खरीदने जैसे काम किए जा सकते हैं। ज्योतिष अनुसार इन तिथियों में खरीदी गई वस्तुओं की संख्या तेजी से बढ़ती जाती है और आपके जीवन में खुशहाली आती है।
जया तिथि में कौन से कार्य करना चाहिए (Tithi ke Anusar Karya)
ज्योतिष के अनुसार तृतीया, अष्टमी और त्रयोदशी जया तिथियां कहलाती हैं। इन तिथियों में सैन्य, शक्ति संग्रह, कोर्ट-कचहरी के मामले निपटाना, शस्त्र खरीदना, वाहन खरीदना जैसे काम कर सकते हैं।
रिक्ता तिथि में कौन से कार्य करना चाहिए (Tithi ke Anusar Karya)
चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी रिक्ता तिथियां कहलाती हैं। जानकारों की मानें तो हिन्दू धर्म के अनुसार इन तिथियाें में गृहस्थों को कोई कार्य नहीं करना चाहिए। तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए ये तिथियां शुभ मानी गई हैं।
पूर्णा तिथि में कौन से कार्य करना चाहिए (Tithi ke Anusar Karya)
पंचमी, दशमी और पूर्णिमा पूर्णा तिथि कहलाती हैं। ज्योतिष के अनुसार इन तिथियों में मंगनी, विवाह, भोज आदि कार्यों को करना शुभ माना जाता है। हालांकि कई बार इनके साथ वार का शुभ संयोग बनता है। जिसके बाद इनका शुभ फल और अधिक बढ़ जाता है।
किस तिथि के साथ कौन सा वार होता है शुभ
हिन्दु धर्म के अनुसार यदि खास तिथि के साथ खास वार आ जाए तो ये संयोग बेहद शुभ माना जाता है। जैसे मंगलवार को जया, बुधवार को भद्रा, वीरवार को पूर्णा, शुक्रवार को नंदा तथा शनिवार को रिक्ता तिथियां कार्य की सिद्धिदायक होती हैं।
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किस तिथि के साथ कौन सा वार होता है अशुभ
जिस तरह तिथि और वार का संयोग शुभ होता है उसी तरह कुछ तिथियों के साथ कुछ वार का संयोग अशुभ फल भी देता है। जैसे नंदा तिथि रविवार या मंगलवार को भद्रा तिथि सोमवार या शुक्रवार को जया तिथि बुधवार को रिक्ता तिथि वीरवार को तथा पूर्णा तिथि शनिवार को आए, तो बेहद संयोग बेहद कष्टकारी योग होता है। इस योग में कार्य करने से ज्यादातर मामलों में असफलता ही मिलती है।
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