Maa Danteshwari Temple: छत्तीसगढ़ के मां दंतेश्वरी पर आस्था रखने वालों के साथ खिलवाड़ हो रहा है. मंदिर की संपत्ति का पिछले 45 सालों से भौतिक सत्यापन नहीं करवाया गया है. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भौतिक सत्यापन का न होना भी हैरान करता है.
रियासतकाल से अब तक देश-विदेश से आने वाले भक्त पैसा, सोना-चांदी जो भी चढ़ावा चढाते हैं, उसका लेखा जोखा न पुजारियों के पास है न ही मंदिर कमेटी के पास.
देश ही नहीं बल्कि विदेशों से आता है करोड़ों का चढ़ावा
बस्तर में सजे मां दंतेश्वरी के दरबार में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्दालु अपनी मुश्किलें लेकर आते हैं. मान्यता है कि मां दंतेश्वरी हर दुखियारे की पीड़ा हर लेती हैं. भक्त मंदिर में दिल खोल कर चढ़ावा चढ़ाते हैं. करोड़ों-अरबों के सोने-चांदी के जेवरात और नगदी का चढ़ावा मां दंतेश्वरी मंदिर में चढ़ता है, लेकिन लंबा अरसा बीतने के बाद भी अब तक चढ़ावे का भौतिक सत्यापन नहीं हुआ है.
किसी को मालूम ही नहीं कि माता की संपत्ति कितनी?
न चढ़ावे की जानकारी मंदिर पुजारियों के पास है न ही मंदिर प्रबंधन के पास, जिसे लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. किसी को मालूम ही नहीं है कि माता की संपत्ति कितनी है. मंदिर समिति, मन्दिर के पुजारी और प्रशासनिक लापरवाही के चलते कोई भी जानकारी सामने नहीं आ पाई है.
माता को चढ़ाए गए सोने-चांदी के जेवरों की कीमत करोड़ों में होगी, लेकिन जब तक जांच और सत्यापन नहीं हो पाता, तब तक बस्तर के लोग इस जानकारी से अनजान ही रहेंगे.
काकतीय वंश के राजाओं ने मांई दंतेश्वरी को किया था स्थापित
बस्तर में शासन करने वाले काकतीय वंश के राजाओं ने वारंगल से लाकर मांई दंतेश्वरी को बस्तर में स्थापित किया और उन्हें बस्तर के जन-जन की देवी बना दिया. तब से लेकर अब तक माता को न जाने कितने भक्तों ने भेंट चढ़ाई होगी, लेकिन लापरवाही के चलते इसका कोई लेखा-जोखा किसी के पास नहीं है.
माथे पर लगी हीरे की बिंदी भी हो चुकी है गायब
माता की सफेद रंग के संगमरमर की प्रतिमा के माथे पर लगी हीरे की बिंदी भी गायब हो चुकी है. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भौतिक सत्यापन का न होना भी हैरान करता है. 1982 में आखिरी बार हुए मौतिक सत्यापन के सारे दस्तावेज भी गायब हैं और किसी को कोई खबर ही नहीं है.
पायलट ने चुनावी सभा से पहले लिया था माता का आशीर्वाद
आपको बता दें कि दंतेश्वरी मंदिर 51 शक्तिपीठ का हिस्सा है. इस मंदिर की महिमा के चलते बड़े से बड़े लोग भी यहां माथा टेकने आते हैं. सचिन पायलेट और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी लोकसभा चुनाव से पहले मां से आशीर्वाद लिया था.
पीएम मोदी ने भी किए थे माता के दर्शन
वहीं साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसी मंदिर में देवी दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना के बाद जगदलपुर में अपनी सभा को संबोधित किया था.
रिपोर्ट- रजत वाजपेयी, जगदलपुर