/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/WhatsApp-Image-2025-10-09-at-18.19.32.webp)
Aaj Ka Panchang 11 October 2025
Aaj Ka Panchang 11 October 2025 : 11 अक्टूबर 2025, शनिवार का दिन पंचांग के अनुसार अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। यह दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष माना जा रहा है, क्योंकि आज रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra), व्यतिपाता योग (Vyatipata Yoga) और शनिवार का संयोग बनने से कई शुभ संकेत मिल रहे हैं।
खास बात यह है कि आज चंद्रमा वृषभ राशि में संचार कर रहे हैं, जिससे शुक्र ग्रह का प्रभाव अत्यधिक सक्रिय रहेगा। अगर आप आज कोई पूजा, नया कार्य, निवेश या शुभ काम की योजना बना रहे हैं, तो पंचांग के अनुसार मुहूर्त और राहुकाल की जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।
समय का महत्व कैसे समझें?
आज की तिथि है पंचमी, जो दोपहर 4:48 PM तक प्रभावी रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि का आरंभ हो जाएगा। पंचमी तिथि देवी लक्ष्मी और सरस्वती की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
आज रोहिणी नक्षत्र दोपहर 3:22 PM तक रहेगा, जो कि चंद्रमा के सबसे प्रिय नक्षत्रों में से एक है। इस नक्षत्र में किए गए कार्यों का परिणाम स्थायित्व और सौंदर्य से भरपूर होता है।
व्यतिपाता योग दोपहर 2:04 PM तक रहेगा। यह योग मिश्रित फलदायक होता है, लेकिन अगर आप इसे आध्यात्मिक कार्यों और ध्यान-साधना में लगाएं, तो श्रेष्ठ परिणाम मिल सकते हैं।
कब है शुभ मुहूर्त ?
आज का अभिजीत मुहूर्त, जो दिन का सबसे शुभ समय माना जाता है, दोपहर 11:41 AM से 12:27 PM तक रहेगा। यदि आप किसी शुभ कार्य (Auspicious Work Timing) जैसे की नई योजना की शुरुआत, यात्रा, निवेश, या संपत्ति से संबंधित निर्णय लेना चाहते हैं, तो इस समय को प्राथमिकता दें।
इस समय रहें सतर्क
शनिवार को राहु का प्रभाव अधिक सक्रिय रहता है। इसलिए आज का राहुकाल सुबह 9:11 से 10:38 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी नया या महत्वपूर्ण काम शुरू करने से बचना चाहिए, क्योंकि राहुकाल को बाधा और असफलता का सूचक माना जाता है।
चंद्र और सूर्य की स्थिति, मन और शरीर पर प्रभाव
आज चंद्रमा वृषभ राशि में संचार करेंगे। वृषभ एक स्थिर राशि है और इसके स्वामी शुक्र हैं। इसका प्रभाव सौंदर्य, कला, प्रेम और भौतिक सुख-सुविधाओं पर अधिक पड़ता है। जिनका चंद्रमा कमजोर है, उनके लिए आज का दिन मन में स्थिरता लाने का एक अच्छा अवसर है।
सूर्योदय सुबह 6:19 AM पर और सूर्यास्त शाम 5:48 PM पर होगा। इस दिन सूर्य और शनि की युति होने से कर्म प्रधानता का संकेत मिलता है।
विक्रमी संवत और शक संवत की स्थिति
- विक्रमी संवत: 2082
- शक संवत: 1947
- हिंदू मास: कार्तिक
- पक्ष: कृष्ण पक्ष
- वार: शनिवार
ये विवरण धार्मिक अनुष्ठानों, व्रत, उपवास या सामाजिक कार्यक्रम की योजना बनाते समय बहुत उपयोगी होते हैं।
पंचांग के पांच अंगों की सरल व्याख्या: जानें समय का विज्ञान
1. तिथि (Tithi): चंद्रमा और सूर्य की स्थिति के आधार पर तिथि का निर्धारण होता है। हर माह 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में विभाजित होती हैं।
2. नक्षत्र (Nakshatra): 27 नक्षत्र होते हैं और इनका सीधा संबंध मानसिक स्थिति और निर्णय क्षमता से जुड़ा होता है।
3. योग (Yoga): सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरी से 27 योग बनते हैं, जिनका प्रभाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।
4. करण (Karana): एक तिथि में दो करण होते हैं। शुभ और अशुभ करण की जानकारी किसी विशेष मुहूर्त को तय करने में सहायक होती है।
5. वार (Vaar): सप्ताह के सातों दिन ग्रहों से संबंधित होते हैं। शनिवार का संबंध शनि से है, जो न्याय और कर्म का कारक है।
शनिवार का विशेष महत्व: कर्म, संयम और ध्यान का दिन
शनिवार को शनि देव की पूजा और हनुमान जी की आराधना विशेष फल देती है। शनि उन लोगों को विशेष आशीर्वाद देते हैं जो सच्चाई और मेहनत के मार्ग पर चलते हैं। इसलिए आज के दिन दान, सेवा, और ध्यान को प्राथमिकता दें। आज के दिन तिल का तेल, काले वस्त्र, लोहे से बनी वस्तुएं, या नीले फूल का दान करने से नकारात्मक प्रभाव दूर हो सकते हैं और शनि की कृपा प्राप्त होती है।
ये भी पढ़ें: Aaj Ka Rashifal 11 October 2025: शनिवार को किस राशि पर बरसेगा भाग्य? जानिए धनु से मीन तक का राशिफल
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/12/01/2025-12-01t081847077z-new-bansal-logo-2025-12-01-13-48-47.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें