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Aaj Ka Mudda: छत्तीसगढ़ में चल रहे मौन प्रदर्शन को लेकर अरुण साव का ये बयान प्रदेश में नई सियासत को जन्म दे गया। दरअसल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार, राहुल गांधी मानहानि मामले में सड़क पर उतर गई है। बीते दिनों हुए प्रदर्शन के बाद बुधवार को एक बार फिर कांग्रेस मौन प्रदर्शन करने उतरी।
ये पहला मौका था जब प्रदेश के मुखिया किसी आंदोलन को लेकर इतने लंबे समय तक सड़क पर नजर आए। प्रदेश प्रभारी शैलजा, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम समेत कई दिग्गज भी मौजूद रहे। लेकिन साव के इस बयान ने सियासी आग को भड़का दिया।
48 फीसदी आबादी ओबीसी
दरअसल प्रदेश में ओबीसी वर्ग का राजनीतिक दखल सबसे ज्यादा है। प्रदेश की 48 फीसदी आबादी ओबीसी वर्ग से आती है। 90 विधानसभा सीटों और 11 लोकसभा सीटों पर ओबीसी फैक्टर हावी रहता है। वहीं आदिवासी सीटों पर भी ओबीसी वोटर्स का असर दिखता है।
कई दिग्गज नेता ओबीसी वर्ग से
सीएम भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और इनकी तरह कई दिग्गज नेता ओबीसी वर्ग से ही आते हैं। ओबीसी वोटर्स के बूते ही कांग्रेस 15 साल बाद अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो पाई थी। ऐसे में जब विपक्ष ने सवाल खड़े किए। तो सीएम भूपेश ने सधे हुए अंदाज में पलटवार किया।
सियासी आंच बढ़ाने के काम
छत्तीसगढ़ में चुनाव को 4 महीने ही बाकी है। ओबीसी आरक्षण का मसला सालों से सियासी आंच बढ़ाने के काम आता रहा है। वहीं अब राहुल गांधी मानहानि केस से सियासी आग को नई हवा मिली है। इस आग को कांग्रेस बुझा पाने में कामयाब हो पाती है या फिर ये जंगल की आग की तरह बढ़ती है। ये देखने वाली बात होगी।
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