Aaj Ka Mudda: 2023 चुनाव से 2 महीने पहले सतनामी समाज के धर्मगुरू बालदास, कांग्रेस से बीजेपी में दोबारा शामिल हुए। बीते चुनाव में कांग्रेस को ST सीटों पर जीत दिला चुके गुरू बालदास, क्या इस बार बीजेपी को जीत दिला पाने में कामयाब होंगे।
2023 की चुनावी बिसात
राजधानी रायपुर से आई ये तस्वीरें महज दो दिन पुरानी है। लेकिन सियासत में इसके जितने गहरे मायने हैं। उतना ही पुराना इतिहास भी सतनामी समाज के धर्मगुरू बालदास ने हाथ का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया।
उनके बेटे खुशवंत समेत 3 धर्मगुरु भी बीजेपी में शामिल हो गए। पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर की मौजूदगी में धर्मगुरू बालदास ने बीजेपी की सदस्यता ली और कांग्रेस पर तरह-तरह के आरोप लगाए।
चुनाव से पहले बीजेपी के हुए बालदास
अनुसूचित जाति वर्ग में गहरी पैठ रखने वाले बालदास का 10 एससी आरक्षित सीटों पर खासा प्रभाव है। वहीं एससी आबादी वाली सीटों पर भी इनका असर देखने को मिलता है। साल 2013 के चुनाव के दौरान बालदास की सतनामी सेना चुनावी मैदान में उतरी थी। जिसका फायदा बीजेपी को 10 में 9 सीटों पर जीत के रूप में मिला।
वहीं 2018 के चुनाव में बालदास ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। लिहाजा 10 में से 7 सीटों पर कांग्रेस, 2 पर बीजेपी और 1 पर बसपा को जीत मिली यानी जिस पार्टी को सतनामी समाज का समर्थन मिला। छत्तीसगढ़ में उसकी सरकार बनी।
क्या बीजेपी को जिताएगा 23 का दंगल ?
हालांकि कांग्रेस के पास भी शिव डहरिया और रुद्र गुरू जैसे दो दिग्गज चेहरे एससी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। जाहिर है इससे वोटों को ध्रुवीकरण भी जरूर होगा। सीएम भूपेश बघेल इस सियासी उठापटक को लेकर क्या सोचते हैं।
10 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित
चुनाव के 2 महीने पहले धर्मगुरू बालदास का बीजेपी में जाना। कांग्रेस के लिए बड़ा झटका और बीजेपी के लिए मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है। वहीं आरक्षण का 16 से 12 प्रतिशत पर आना। एससी वोटर्स को खुश तो बिलकुल नहीं करेगा। लिहाजा कांग्रेस के लिए 23 के चुनाव में ये बड़ी चुनौती बन सकता है।
ये भी पढ़ें:
CG Election 2023: पाटन विधानसभा का लेखाजोखा और चुनाव परिणाम 2018
CG Election 2023: पाटन विधानसभा सीट पर इस बार चाचा और भतीजा आमने-सामने, सियासी पारा हुआ हाई
CG Election 2023: बीजेपी की लिस्ट पर सीएम बघेल का तंज, मंत्री अमरजीत ने कहा बीजेपी में एक ही चाणक्य