Aaj Ka Mudda: कमलनाथ एक बार फिर अपने टेस्टेड फार्मूले के साथ ही चुनाव मैदान में जाने की तैयारी में हैं. 2018 में यदि कांग्रेस ने सूबे में 15 साल बाद सत्ता में वापसी की थी तो इसका बहुत बड़ा कारण किसानों को ही माना गया था.
कमलनाथ का किसानों पर फोकस
2023 में भी कांग्रेस किसानों के जरिए ही सत्ता की सीढ़ी चढ़ने की तैयारी में है. मंगलवार की शाम जब अचानक खबर आई कि कमलनाथ वचनपत्र से संबंधित कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं तो कई तरह के कयास लगाए गए. लेकिन कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेस सिर्फ किसानों पर ही फोकस रही.
फिर गूंजेगा कर्जमाफी का मुद्दा
कमलनाथ ने इन घोषणाओं के जरिए प्रदेश के सभी किसानों को साधने की कोशिश की है. 5 हॉर्स पावर तक के सिंचाई पंपों के बिजली बिल माफ, बिजली का बकाया बिल माफ, किसानों का कर्ज माफ, 12 घंटे लगाता बिजली और आंदोलनों के दौरान दर्ज केस वापस लेने की घोषणा के जरिए कमलनाथ ने लगभग सभी किसानों को साधने की कोशिश की है.
सभी किसानों को साधने की कोशिश
इधर बीजेपी ने भी कमलनाथ की घोषणाओं पर पलटवार करने में देर नहीं लगाई है. 2023 को लेकर बीजेपी और कांग्रेस किस माइक्रो लेवल पर जाकर काम कर रहे हैं. ये समझा जा सकता है हर रोज सधे हुए कदमों से दोनों दल आगे बढ़ रहे हैं.
कर्जमाफी पर छिड़ेगी जंग
आज की स्थिति में देखें तो जहां बीजेपी महिलाओं पर फोकस करके अपनी हितग्राही योजनाओं के जरिए पूरे परिवार को साधने की कोशिश में है तो वहीं कांग्रेस एक फिर किसान पर ही फोकस कर रही है.
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