Aaj Ka Mudda: आज शायद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सड़कें भी शर्म से पानी-पानी हो रही होंगी। छत्तीसगढ़ को बने हुए 23 साल का लंबा अरसा बीत चुका, लेकिन प्रदेश ने प्रदर्शन की ऐसी तस्वीरें नहीं देखी होंगी। हाथों में तख्ती लिए जब ये युवा विधानसभा की तरफ आगे बढ़े तो हर कोई हैरान था। किसी की आंखें शर्म से झुकी थी, तो किसी की आंखें हैरानी से फटी- फटी रह गई।
हाथों में तख्ती लिए ये युवा आगे बढ़ रहे थे। तख्ती के अलावा शरीर पर कपड़ों का नामोनिशान तक नहीं था। पूरी तरह से नग्न ये युवा sc-st वर्ग के हैं। जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
SC-ST वर्ग के युवा भड़के
युवाओं का कहना है कि हमारा हक मारा जा रहा है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस मामले में छानबीन समिति बनाई गई। जिसमें 267 मामले आए। कुछ पर कार्रवाई की गई। कुछ पर अभी भी कार्रवाई नहीं हुई है। जैसे ही इस तरह के प्रदर्शन की खबर शासन-प्रशासन तक पहुंची।
अधिकारी हरकत में आ गए। पुलिस की गाड़ियां मौके की तरफ निकली और कुछ ही देर बाद युवाओं को हिरासत में ले लिया गया।
फर्जीवाड़े पर कार्रवाई की मांग
हर तरफ इस प्रदर्शन की चर्चा थी। सियासी गलियारों में चिंता होनी थी। लेकिन इसकी जगह सियासत हो रही थी। मंत्री शिव डहरिया ने इस मामले को बीजेपी के समय का बताया तो पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में युवाओं को छला जा रहा है।
नग्नता, कितनी सही कितनी गलत ?
लेकिन सियासत यहां नहीं थमीं चुनावी साल में बीजेपी भी आक्रामक होती नजर आई। अंबेडकर चौक से लेकर राजभवन तक बीजेपी ने पैदल मार्च निकाला और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। सियासत है पार्टियां दोष एक दूसरे पर मढ़ने में जुट गई है। लेकिन कुछ सवाल हैं। जो राजधानी की सड़कों पर नग्न घूम रहे हैं।
पहला सवाल इन युवाओं पर ही उठता है। क्या अपनी मांगों के लिए इस हद तक जाना ठीक है। लेकिन इस बात को नजरंदाज करना भी ठीक नहीं है कि। क्या सरकार ने इनकी बातों को गंभीरता सही नहीं लिया। जिसके चलते इन युवाओं को अपनी आबरू भी दांव पर लगाने का फैसला करना पड़ा। सवाल कई है और जनता जवाब चाहती है।
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