Aaj Ka Mudda: मध्यप्रदेश चुनाव में टिकट के फॉर्मूले को लेकर कोई सस्पेंस नहीं है। बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव से पहले अपने फॉर्मूले सेट कर लिए हैं। लेकिन टिकट का फॉर्मूला, कई नेताओं के लिए टेंशन जरूर बन सकता है।
बीजेपी-कांग्रेस में फॉर्मूला सेट
ये वही रेसीपी है, जिससे 2023 चुनाव में बीजेपी जीत का तड़का लगाने की तैयारी कर रही है। मध्यप्रदेश में 2018 और 2020 उपचुनाव के बाद से एक ही हॉट टॉपिक है। जो जनप्रतिनिधियों से लेकर शीर्ष नेताओं के माथे पर, चिंता की लकीरें खिंच रहा है और चुनावी तैयारियों में सबसे ज्यादा जिक्र भी इसी को लेकर है।
बीजेपी हो या कांग्रेस, टिकट का टेंशन दोनों दलों में बराबर है। लेकिन बीजेपी ने इसको लेकर सेट फॉर्मूला तय कर लिया है। जिसके आधार पर ना सिर्फ टिकट दिए जाएंगे। बल्कि कई समीकरण साधने में भी मदद मिलेगी।
समाजसेवी भी हो कैंडिडेट
समाजसेवा का मंत्र पीएम मोदी भी देते नजर आए थे। जब उन्होंने भोपाल में बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद किया था यानी साफ है कि बीजेपी के माइक्रो लेवल फोकस में कार्यकर्ता प्राथमिकता पर है और नेताओं की दावेदारी में कार्यकर्ता भी कर्ता-धर्ता होंगे।
फॉर्मूला तय करेगा चुनावी राह
बीजेपी की तैयारी माइक्रो लेवल की है तो कांग्रेस भी हर डिटेल पर काम कर रही है। कई दावेदारों की भीड़ में कांग्रेस अपने सर्वे और उम्मीदवार के जनता से कनेक्ट को सबसे बड़ा पैमाना मान रही है। 2018 चुनाव का सबसे बड़ा सबक यही था कि दोनों पार्टियों में कहीं ना कहीं टिकट को लेकर गड़बड़ी हुई।
टिकट का टेंशन दोनों तरफ
जनता का मैंडेट दोनों ही पार्टियों को नहीं मिला। बीजेपी हो या कांग्रेस टिकट का टेंशन दोनों तरफ है। अब देखना होगा कि किसका फॉर्मूला, जीत का फैक्टर साबित होता है।