Aaj Ka Mudda: चुनावी साल में दल बदल का दंगल तेज हो गया है और सियासत के सेंटर में ग्वालियर चंबल का इलाका है. साल 2020 में कांग्रेस से बीजेपी में आए कई कांग्रेसी अब घर वापसी कर रहे हैं. बैजनाथ सिंह यादव और राकेश गुप्ता के बाद अब रघुराज सिंह धाकड़ का झुकाव भी कांग्रेस की ओर हो गया है.
कांग्रेस करा रही घर वापसी
नीमच से बीजेपी नेता समुंदर सिंह का नाम भी जल्द इस लिस्ट में शामिल होने वाला हैं. एक तरफ तो कांग्रेस की नजर उन बीजेपी नेताओं पर है. जिन्होंने साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थामा था. दूसरी ओर सिंधिया भी उनके निशाने पर हैं. पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि सिंधिया कोई तोप नहीं हैं और उनका भविष्य बीजेपी के हाथों में है.
सिंधिया कोई तोप नहीं: जयवर्धन
शायद सिंधिया राजघराने और राघौगढ़ की अदावत, और सत्ता गंवाने का घाव ही था, जो जयवर्धन सिंधिया पर गरज रहे हैं. लेकिन सिंधिया जिस तरह सदन में कांग्रेस पर गरजे, वो भी उनके बीजेपी में रच बसने को बता रहा है. इधर जिस तरह का बयान कांग्रेस से आया. उसी लहजे में बीजेपी का भी जवाब आया. बात तोप से शुरू हुई थी, तमंचे पर खत्म हुई.
चुनावी साल में सेंधमारी जारी
यकीनन चुनावी साल में दबाव की राजनीति जारी रहेगी. दोनों ही दल सेंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. अब देखना ये होगा कि चुनावी साल में इसका कितना फायदा बीजेपी और कांग्रेस को मिलता है.
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