Aaj Ka Mudda: मध्यप्रदेश कांग्रेस कर्नाटक और हिमाचल का फॉर्मूला प्रदेश में भी अपनाने जा रही है। चुनाव से तकरीबन 4 महीने पहले कांग्रेस पहली लिस्ट जारी करेगी। जिसमें वो कांग्रेस की कमजोर स्थिति वाली सीटें भी शामिल हैं, लेकिन कांग्रेस की इस तैयारी को बीजेपी जल्दबाजी करार दे रही है।
उम्मीदवारों के नामों की घोषणा
अंदरूनी कलह और भीतरघात से जूझ रही कांग्रेस, अब वही प्रयोग मध्यप्रदेश में करने जा रही है। जिसे वो हिमाचल और कर्नाटक में आजमा चुकी है। सोमवार को पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक के बाद कांग्रेस अपनी तैयारी को धरातल पर उतारना चाहती है। इसलिए जुलाई के आखिर तक 230 में से 135 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने का मन बना लिया है। इनमें वो 66 सीटें भी शामिल होंगी। जिन सीटों पर कांग्रेस पिछले 5 चुनावों से हारती आ रही है।
दिग्विजय सिंह ने मैराथन दौरा
ये वही 66 सीेटे हैं, जिनपर दिग्विजय सिंह ने मैराथन दौरा किया था और अपने सर्वे के बाद कमलनाथ को रिपोर्ट सौंपी थी। इन सबसे कमजोर सीटों पर कांग्रेस सबसे पहले नाम घोषित कर, एक कदम आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। वहीं बीजेपी अपनी धीमी ऱफ्तार लेकिन समझबूझ के साथ आगे बढ़ रही है। बीजेपी बैक-टू-बैक बैठकों के साथ मैदानी जमावट में लगी है। मंगलवार को कोर कमेटी की बैठक के जरिए भी तैयारी को धार दी गई। वहीं कांग्रेस की जल्द नामों की लिस्ट को लेकर, बीजेपी ने तंज कसने का मौका नहीं छोड़ा है।
कांग्रेस अंदरूनी कलह से जूझ रही
जाहिर है कि कांग्रेस अंदरूनी कलह से जूझती रही है और इस दांव के जरिए कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को तैयारी का पूरा समय देना चाहती है। कांग्रेस ये एक्सपेरिमेंट 2018 मध्यप्रदेश चुनाव में भी करती नजर आई थी लेकिन उम्मीदवारों को पहले से मौका देना की बार मुसीबत का सबब भी बन जाता है।