Aadhaar Card Address Update: अगर आपको आधार कार्ड में एड्रेस अपडेट कराना है तो जरा संभलकर रहें, आप फ्रॉडस्टर्स के शिकार हो सकते हैं. आधार के एड्रेस अपडेट कराने वाले मामलों में सबसे ज्यादा फ्रॉड के मामले देखे जा रहे हैं. साइबर अपराधों से जुड़े मामलों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का मानना है कि आधार कार्ड में पता बदलवाने की आसान प्रक्रिया साइबर धोखाधड़ी का एक सबसे बड़ा कारण है.
कैसे अपडेट होता है आधार में एड्रेस?
आधार कार्डहोल्डर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से कई तरीकों से अपना पता बदलवा सकता है.UIDAI ही आधार कार्ड जारी करती है. इनमें से एक तरीका यह है कि व्यक्ति UIDAI की वेबसाइट से एड्रेस चेंज सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकता है और इसे विभिन्न लोक अधिकारियों जैसे कि सांसद, विधायक, पार्षद, समूह ‘‘A’’ और समूह ‘‘B’’ के राजपत्रित अधिकारी और एमबीबीएस डॉक्टर से हस्ताक्षर कराकर इसे अपलोड कर सकता है.
कैसे आधार में एड्रेस अपडेशन को निशाना बना रहे हैं साइबर ठग?
साइबर क्राइम के कई सुलाझाए गए मामलों में जांच अधिकारियों ने पाया है कि जालसाजों ने आधार डेटाबेस में अपने निजी डीटेल को अपडेट करने के लिए फर्जी रबर स्टैंप और लोक अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया. कुछ मामलों में लोक प्राधिकारियों ने भी व्यक्तियों की जानकारी वेरिफाई किए बिना लापरवाही से अपनी मोहर और हस्ताक्षर दे दिए.
एक जांच अधिकारी ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी मामले में पाया गया कि एक विधायक ने आरोपी के पते में बदलाव के प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके आधार पर उसने आधार डेटाबेस में अपना पता बदलवा लिया. आगे की जांच में पता चला कि विधायक ने अपने कार्यालय के एक कर्मी को इस तरह के प्रमाणपत्रों पर मुहर लगाने और उसके हस्ताक्षर का इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत किया था.
लेकिन आधार फ्रॉड से सुरक्षित कैसे रहें?
आधार फ्रॉड से सुरक्षित रहने के लिए आपको जागरूक रहना होगा. आधार आपका सबसे अहम दस्तावेज है, ऐसे में इसकी सुरक्षा आपके लिए ही जरूरी है. हम आपको यहां कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिनकी मदद से आप आधार को सुरक्षित रख सकते हैं.
OTP बिल्कुल शेयर न करें
साइबर सिक्योरिटी का यह एक थंब रूल है. अगर साइबर ठगों को आपके आधार कार्ड नंबर की जानकारी भी है तो आप फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं. अगर आपको किसी के साथ आधार नंबर शेयर भी करना है तो पहले उसकी जानकारी लें कि आपका नंबर किस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल होगा. आधार नंबर का दुरुपयोग तब होता है जब आप मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर आए ओटीपी को शेयर कर देते हैं. ऐसे में ओटीपी शेयर करने को लेकर सतर्क रहें.
बायोमीट्रिक डीटेल लॉक करके रखें
आपके आधार कार्ड में बायोमीट्रिक डीटेल होती हैं, जैसे फिंगरप्रिंट स्कैन, रेटिनल स्कैन और फेशियल इमेज, ये आपके बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर से लिंक होते हैं. आधार के जरिए भी आजकल आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम और बैंक ट्रांजैक्शन हो जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बायोमीट्रिक इन्फॉर्मेशन को लॉक करा लें. UIDAI आपको ये सुविधा देता है.
सार्वजनिक कंप्यूटर पर आधार डाउनलोड करना
अगर आप किसी साइबर कैफे या ऐसी ही किसी पब्लिक जगह के पब्लिक कंप्यूटर पर आधार डाउनलोड कर रहे हैं, तो ये जरूर सुनिश्चित करें कि अपनी डीटेल उस कंप्यूटर से डिलीट कर दें. रिसाइकिल बिन से भी अपनी डाउनलोडेड फाइल डिलीट कर दें.
कुछ और तरीके भी अपना सकते हैं
आप मास्क्ड आधार का उपयोग कर सकते हैं. अपने मोबाइल नंबर को आधार कार्ड के साथ अपडेट करा सकते हैं. अपने आधार कार्ड की ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री टाइम-टाइम पर चेक करते रहें.
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