नयी दिल्ली। Harms of AI Technology: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल ‘डीप फेक’ बनाने के लिए किया जाना चिंताजनक है।
साथ ही उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग और प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया।
‘डीप फेक’ एक बड़ा संकट
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे जैसे विविधतापूर्ण समाज में ‘डीप फेक’ एक बड़ा संकट पैदा कर सकते हैं और यहां तक कि समाज में असंतोष की आग भी भड़का सकते हैं क्योंकि लोग मीडिया से जुड़ी किसी भी चीज पर उसी तरह भरोसा करते हैं जैसे आम तौर पर गेरुआ वस्त्र पहने व्यक्ति को सम्मान देते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कृत्रिम मेधा के माध्यम से उत्पादित ‘डीप फेक’ के कारण एक नया संकट उभर रहा है। समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग है जिसके पास समानांतर सत्यापन प्रणाली नहीं है।’’
जागरुकता के लिए चाहिए मीडिया का सहयोग
प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां उन्होंने कुछ चीजों के बारे में विचार व्यक्त किए हैं वहीं उन्हें इस बारे में जागरुकता फैलाने के लिए मीडिया का सहयोग चाहिए। ‘डीप फेक’ तकनीक शक्तिशाली कंप्यूटर और शिक्षा का उपयोग करके वीडियो, छवियों, ऑडियो में हेरफेर करने की एक विधि है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले कुछ विवादास्पद टिप्पणियों वाली फिल्म आती थी और चली जाती थीं, लेकिन अब यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
‘डीप फेक’ के मामलों में भी होनी चाहिए चेतावनी
उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन भी इस आधार पर मुश्किल हो जाता है कि उन्होंने समाज के कुछ तबकों का अपमान किया है, भले ही उन्हें बनाने में भारी राशि खर्च की गई हो।
मोदी ने सुझाव दिया कि जिस तरह सिगरेट जैसे उत्पाद स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियों के साथ आते हैं, उसी तरह ‘डीप फेक’ के मामलों में भी होना चाहिए।
गौरतलब है कि हाल ही में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो सामने आया था, जिसके बाद एआई टेक्नोलॉजी एक बार फिर विवादों में है।
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