MP में बतख पालन करने वाले उद्यमी बने आदित्य, लॉकडाउन में छूट गई थी नौकरी

इंदौर: कोरोना का सबसे ज्यादा असर प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वाले लोगों पर देखने को मिला। जहां लोगों ने अपनी नोकरियां गवांईं तो कुछ लोगों ने इसी समय को फायदे का सौदा बनाया, ऐसी ही कहानी है आदित्य अग्निहोत्री की जिन्होंने आत्मनिर्भर भारत की मिसाल पेश की है।
लॉकडाउन से पहले एविएशन इंडस्ट्री में काम करने वाले आदित्य अग्निहोत्री अब आधुनिक किसान हैं। आदित्य ने हरा भरा आर्गेनिक खेत, आधुनिक तकनीक और कड़ी मेहनत से तैयार किया है। जहां लॉकडाउन के चलते लोगों को अपनी नोकरियां गवांना पढ़ी उसी में आदित्य की नौकरी भी चली गई। आपदा की घड़ी में आदित्य के उपर संकटों का पहाड़ टूट गया लेकिन इस विपरीत परिस्थिति में आदित्य ने संयम रखा और आपदा को अवसर में बदलते हुए फैसला लिया खेती का।
आदित्य के लिये खेती का काम नया था उन्होंने तमाम चुनोतियों का डटकर सामना किया और बिना कुछ सोचे खेती में लग गये आज आदित्य इंदौर ही नहीं बल्की इंदौर से बाहर भी सब्जियां सप्लाय करते हैं आदित्य का सफर खेती पर ही नहीं रुका अब वे बतख पालन का काम भी करते हैं। आदित्य का बतख के अंडों का आईडिया काम कर गया। अंडो की बाजार में डिमांड भी आने लगी और देखते ही देखते आदित्य दूसरे राज्यों में भी बतख के अंडे निर्यात करने लगे।
आदित्य की जब नौकरी गई तो वह डिप्रेशन में आ गए। लेकिन परिवार वालों ने इस मुश्किल घड़ी में उनका पूरा साथ दिया आदित्य के दोस्त विलास भी ने भी उनका हौसला बढ़ाया। दोनों ने मिलकर इंटरनेट की सहायता से जानकारी जुटाई और आज आदित्य आर्गेनिक खेती के जरिये लोगों को बगैर केमिकल और बगैर हानिकारक खाद वाली सब्जियों पहुंचा रहे हैं साथ ही वे दोनों अब एमपी में बतख पालने करने वाले ये पहले युवा उद्यमी है।
आदित्य अब इंतजार में है कि इंदौर से कब इंटरनेशनल फ्लाईट फिर से शुरू हों और वे आर्गेनिक सब्जियां और बतख के अंडे विदेशों में भी निर्यात कर सकें। जिस तरह आपदा की घड़ी में उन्होंने जो अवसर खोजा है वह निश्चित ही सराहनीय है और युवाओं के लिये एस मिसाल भी है।