हाइलाइट्स
- जुलाई और जनवरी में मिलेगा एडमिशन।
- साल में दो बार खुलेगा प्रवेश का द्वार।
- यूजी में सेमेस्टर सिस्टम की वापसी।
MP College Admision Twice Year: मध्यप्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। अब छात्रों को कॉलेज और यूनिवर्सिटी में साल में दो बार एडमिशन लेने का मौका मिलेगा। यानि सिर्फ जुलाई-अगस्त ही नहीं, बल्कि जनवरी-फरवरी में भी अब छात्र उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश ले सकेंगे। यह नई व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू की जा रही है।
अब दो बार मिलेगा एडमिशन का मौका
फिलहाल राज्य में सिर्फ जुलाई-अगस्त सत्र में ही एडमिशन होते हैं, जिसमें करीब 5 लाख छात्र प्रवेश लेते हैं। लेकिन अब जनवरी सत्र को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 7 सदस्यों की कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट मिलते ही विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों से सुझाव भी मांग लिए हैं।
जुलाई सत्र की प्रवेश प्रक्रिया 30 जून तक।
जनवरी सत्र की प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी होगी।
सेमेस्टर सिस्टम लागू करना
जनवरी-फरवरी सत्र में एडमिशन सिर्फ उन्हीं संस्थानों में हो जहां पहले से सेमेस्टर सिस्टम लागू है, जैसे कि यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट (UTD), पीएमसीओई (प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस) और स्वशासी कॉलेज।
हर जिले में एक स्पेशल कॉलेज
हर जिले में एक कॉलेज को चिन्हित किया जाए जहां जनवरी सत्र में एडमिशन मिल सके।
ऑनलाइन क्रेडिट सिस्टम
जनवरी सत्र में एडमिशन लेने वाले छात्रों को 50% क्रेडिट ऑनलाइन माध्यम से अर्जित करने होंगे, जिससे संस्थाओं और शिक्षकों पर बोझ कम होगा।
दो शिफ्टों में क्लासेस
ऐसे कॉलेजों का चयन हो जहां दो शिफ्टों में पढ़ाई संभव हो सके। दूसरी शिफ्ट के लिए अलग शिक्षक और स्टाफ नियुक्त किए जाएं।
सेमेस्टर सिस्टम की वापसी
2008 में मप्र में यूजी और पीजी कोर्स के लिए सेमेस्टर सिस्टम शुरू हुआ था, लेकिन 2017-18 में छात्र संगठनों के विरोध के चलते इसे UG से हटा दिया गया। अब फिर से इसे लागू करने की तैयारी है, जिससे छात्रों को एक अतिरिक्त मौका मिलेगा और राज्य का जीईआर (सकल नामांकन अनुपात) भी बढ़ेगा।
परीक्षा और ई-कंटेंट की व्यवस्था
- नए सिस्टम से परीक्षा का भार बढ़ेगा, इसके लिए अधिक कॉलेजों को स्वशासी बनाया जाएगा।
- प्रदेश स्तर पर ई-कंटेंट तैयार किया जाएगा ताकि गुणवत्ता भी बनी रहे और शिक्षकों की कमी भी पूरी हो सके।
- क्लास-2, 3 और 4 कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी ताकि प्रशासनिक कार्य बेहतर हो सके।
जनवरी 2026 से हो सकती है शुरुआत
यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहले चरण में यूनिवर्सिटी के टीचिंग डिपार्टमेंट और स्वशासी कॉलेजों में लागू की जाएगी। यूनिवर्सिटी में UG और PG दोनों में एडमिशन होंगे, जबकि कॉलेजों में सिर्फ PG में यह सिस्टम शुरू होगा।
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