MP Teacher Selection Test: मध्यप्रदेश के माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification) के क्वालीफाइंग मार्क्स में 5 प्रतिशत की छूट को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। इस छूट का लाभ अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दिया गया है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को इससे वंचित रखा गया है।
अदालत जाएगी भारतीय ईडब्ल्यूएस संघ
भारतीय ईडब्ल्यूएस संघ (Indian EWS Association) ने इस फैसले को संविधान के समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया है और इसे अदालत में चुनौती देने की घोषणा की है। संघ के अध्यक्ष धीरज तिवारी का कहना है कि ईडब्ल्यूएस को इस छूट से वंचित रखना सामाजिक न्याय और संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (लोक सेवाओं में समान अवसर) का सीधा उल्लंघन है।
संघ का तर्क है कि आरक्षित वर्गों को शैक्षणिक छूट देना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन ईडब्ल्यूएस को इससे बाहर रखना भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के अधिकारों का हनन है, बल्कि समानता के सिद्धांतों के खिलाफ भी है। संघ ने कहा कि इस हफ्ते जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, जिसमें इस नीति को चुनौती दी जाएगी।
शिक्षक चयन परीक्षा 2024
माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 (Teacher Selection Test) के लिए आवेदन प्रक्रिया 28 जनवरी 2025 से शुरू हो रही है। इस परीक्षा के माध्यम से स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग में कुल 7,929 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसमें माध्यमिक शिक्षक और प्राथमिक शिक्षक (खेल, संगीत और नृत्य) के पद शामिल हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 11 फरवरी 2025 है और परीक्षा 20 मार्च 2025 से शुरू होगी।
रखे गए हैं ये नियम
अभ्यर्थियों के लिए 2018 या 2023 की शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। सरकार द्वारा दी गई छूट के अनुसार, एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को शैक्षणिक योग्यता के अहर्ताकारी अंकों में 5 प्रतिशत की छूट दी गई है, लेकिन ईडब्ल्यूएस को इस लाभ से बाहर रखा गया है।
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पुनर्विचार की मांग
संघ (Indian EWS Association) ने सरकार से इस भेदभावपूर्ण नीति पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो यह मामला उच्च न्यायालय में लंबा खिंच सकता है। संघ ने उम्मीद जताई कि न्यायालय इस मामले में हस्तक्षेप कर ईडब्ल्यूएस को भी समान अवसर प्रदान करने का निर्देश देगा।
शिक्षक चयन परीक्षा (Teacher Selection Test) में इस प्रकार के विवाद से सरकार के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और न्यायालय का इस मामले में क्या निर्णय आता है।
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