Shivraj Singh Chauhan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को भोपाल में कहा कि बासमती के अलावा देश में पैदा होने वाले दूसरे प्रकार के सफेद चावल को भी अब दूसरे देशों में एक्सपोर्ट किया जाएगा। उन्होंने (Shivraj Singh Chauhan) कहा, चावल उत्पादक किसानों की मांग पर केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने ये फैसला लिया है।
शिवराज सिंह ने यह जानकारी दी
पूर्व सीएम शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक और किसान हितैषी फैसला लिया है। गैर-बासमती चावल के निर्यात से रोक हटाई गई और उसके न्यूनतम निर्यात मूल्य के निर्धारण को मंजूरी मिली है। उन्होंने बताया कि गैर-बासमती सफेद चावल के लिए 490 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया गया है। परबॉइल्ड और ब्राउन चावल पर शुल्क 20% से घटकर 10% हो गया है। इसका आशय है, चावल उत्पादक किसान अब न्यूनतम निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर ही अपनी उपज निर्यात कर सकेंगे।
शिवराज ने तुअर, उड़द मसूर की पूरी सफल खरीद का आश्वासन दिया
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह (Shivraj Singh Chauhan) ने बताया कि बासमती चावल पर भी मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस समाप्त करने का निर्णय लिया गया, जिससे बासमती चावल के उत्पादक किसान इनका निर्यात करके और ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे। उन्होंने तुअर, उड़द और मसूर उत्पादक किसानों के लिए 100% खरीद का आश्वासन दिया है। साल 2025-26 तक दलहनी फसलों के क्षेत्र विस्तार और उत्पादकता में सुधार का लक्ष्य तय किया है और साल 2027-28 तक किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का लक्ष्य तय किया गया है।
पिछले साल 20 जुलाई से लगा था गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध
गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर 20 जुलाई, 2023 से प्रतिबंधित था। व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया, “गैर-बासमती सफेद चावल (सेमी-मिल्ड या पूर्ण मिल्ड चावल, चाहे वह पॉलिश वाला हो या बिना पॉलिस वाला हो) के निर्यात नीति को प्रतिबंधित से मुक्त में संशोधित किया गया है, जो कि एमईपी 490 डॉलर प्रति टन के अधीन है।
ये भी पढ़ें: Madhya Pradesh New CS: वीरा राणा का कार्यकाल आज होगा समाप्त, CM के भरोसेमंद डॉ. राजौरा को मिल सकता है मौका!
केन्द्र सरकार ने किसानों के हित में लिए कुछ अन्य फैसले
- खाद्य तेलों के आयात शुल्क को बढ़ाकर 20% किया गया, अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5%
- रिफाइंड तेल पर मूल शुल्क बढ़ाकर 32.5% किया गया। इससे सोयाबीन, मूंगफली और सूरजमुखी उत्पादक किसानों को होगा आर्थिक लाभ
- प्याज पर निर्यात कम किया गया है। प्याज पर निर्यात शुल्क 40% था, जिसे घटाकर 20% किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 क्षेत्रीय फसलें और 27 बागवानी फसलों की नई किस्में खेती करने वालों को समर्पित की हैं। जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगी।
- पीएम फसल बीमा के तहत महाराष्ट्र परभणी जिले के 2 लाख किसानों को करीब 200 करोड़ रुपए से ज्यादा लंबित क्लेम का पेमेंट किया गया।
- राष्ट्रीय नाशीजीवी (कीट) निगरानी प्रणाली (NPSS) लॉन्च किया गया। जिसके द्वारा किसान को कीट की सटीक पहचान और प्रबंधन के लिए जल्दी सलाह दी जाती है।
ये भी पढ़ें: एमपी में अब लू से मौत पर परिजनों को मिलेगा मुआवजा: लू को आपदा की श्रेणी में किया शामिल, 2025 से व्यवस्था लागू