कंटेंट राइटर – विशालाक्षी पंथी
Breastfeeding Week 2024: अगस्त के पहले 7 दिन ब्रेस्टफीडिंग वीक के रूप में जाने जाते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (world health organisation) ने इस साल ब्रेस्टफीडिंग वीक की थीम (world health organisation Theme) “क्लोजिंग द गैप- ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर ऑल” (Closing the Gap-Breastfeeding Support for All”) रखी है।
ये सप्ताह ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding Week 2024 in Hindi) को लेकर समाज में अवेयरनेस फैलाने के लिए मनाया जाता है। नई मांओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। खासकर जब एक मां बच्चे को फीड करा रही होती है।
सी-सेक्शन (C-section) के बाद मांओं को बच्चे को फीड कराना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में ब्रेस्टफीडिंग की सही पोजीशन (correct breastfeeding positions) के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है।
सी-सेक्शन के बाद इन 8 ब्रेस्टफीडिंग पोजीशन को अपनाएं
जन्म के बाद एक बच्चे के लिए आहार का पहला सोर्स उसकी मां ही होती है। हालांकि सही पोजीशन को समझकर महिलाएं डायबिटीज टाइप 2, ब्रेस्ट कैंसर जैसी परेशानियों के जोखिम से बच सकती हैं। नई मांएं जिनकी डिलीवरी सी-सेक्शन से हुई है, वे इन 8 ब्रेस्टफीडिंग पोजीशन को अपना सकती हैं.
क्रेडल होल्ड
क्रेडल होल्ड ब्रेस्टफीडिंग का एक प्राचीन तरीका है। इसमें बच्चे का सिर मां की फोरआर्म पर होता है और नाक निप्पल के पास होती है। इसमें बच्चे के शरीर को मां के हाथ का सपोर्ट मिलता है। ये पोजीशन मां और बच्चे के बीच एक बॉन्ड बनाती है।
क्रॉस-क्रेडल होल्ड
इस पोजीशन में बच्चे की गर्दन को सपोर्ट देते हुए कान के पास सिर को पकड़ें। बच्चे के सिर को पकड़ते समय आपकी हथेली उसके कंधों की ब्लेड्स के बीच में रखें। अपने बच्चे को अपने पेट से लगाकर फीड कराएं। शुरुआत में मांओं के लिए ये एक कंफर्टेबल पोजीशन होती है।
फुटबॉल होल्ड
ये पोजीशन खासकर उन मांओं के लिए बहुत जरूरी है जो सी-सेक्शन से रिकवर कर रही हैं। क्लच (फुटबॉल) होल्ड के लिए, अपने बगल में एक तकिया रखें। अपने बच्चे को ऊपर की ओर मुंह करके अपनी बांह में बिठाएं। उसकी गर्दन को सहारा देने के लिए उसी बांह पर अपनी हथेली का उपयोग करें। अपने बच्चे के बाजू को अपनी बाजू से सटा लें। आपके बच्चे के पैर आपकी बांह के नीचे दबे होने चाहिए।
साइड लाइंग
रात में सोते समय ब्रेस्टफीडिंग के लिए ये एक बहुत अच्छी पोजीशन है। बच्चे को अपने साइड में लिटाएं। बच्चे के सिर को अपने हाथ से सपोर्ट करें। उसकी नाक आपके निप्पल के करीब रखें और फीड करें।
लेड-बैक पोजीशन
ये पोजीशन बायोलॉजिकल नर्सिंग के नाम से भी जानी जाती है। इसमें मांएं पीछे टिक कर बैठ जाएं और अपने बच्चे को फीड करें। ये सी-सेक्शन वाली महिलाओं के लिए बहुत ही कंफर्टेबल पोजीशन है।
बैक पोजीशन
ये पोजीशन बायोलॉजिकल नर्सिंग के नाम से भी जानी जाती है। इसमें मांएं पीछे टिक कर बैठ जाएं और अपने बच्चे को फीड करें। ये सी-सेक्शन वाली महिलाओं के लिए बहुत ही कंफर्टेबल पोजीशन है।
अपराइट ब्रेस्टफीडिंग
इस पोजीशन में फीड कराना सबसे अच्छा है। बच्चे की नाक आपके निप्पल के लेवल में हो और उसकी ठुड्डी आपके ब्रेस्ट को छू रही हो। बच्चे का शरीर एक सीधी रेखा में होना चाहिए। मुड़ा हुआ नहीं होना चाहिए।
कोआला होल्ड
कोआला-होल्ड करने के लिए: आपका शिशु को अपनी जांघ पर पर बिठाएं। फीड करते समय बच्चे की पीठ और सिर सीधा होना चाहिए। ये कंफर्टेबल पोजीशन मां के सी-सेक्शन पर प्रेशर को कम करता है।
डैंगल फीडिंग
डैंगल फीडिंग सी-सेक्शन से रिकवर हो रही मांओं के लिए बहुत हेल्पफुल पोजीशन है। बच्चे को फीड करने के लिए, बस उसे उसकी पीठ के बल लिटाएं और उनके ऊपर चारों तरफ झुकें।
सी-सेक्शन के समय ब्रेस्टफीडिंग के ये 8 तरीके महिलाओं को काफी मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग के मां और बच्चे पर होने वाले स्वास्थ्य लाभों को जानना भी बहुत जरूरी होता है। बच्चे को रोजाना 6-7 बार फीड करना जरूरी होता है।
बच्चे के शरीर में जितना ज्यादा लैक्टेट पहुंचेगा उतना ही उसके स्वास्थ्य के लिए सही होगा।
ब्रेस्टफीडिंग से मां और बच्चे को होने वाले स्वास्थ्य लाभ
ब्रेस्टफीडिंग एक नई मां बनने की जर्नी का सबसे जरूरी चरण होता है। इस फेज में मां और बच्चे के बीच एक कनेक्शन डेवलप होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक मां बच्चे को फीड करते हुए उसको कई बीमारियों से भी बचा रही होती है।
ब्रेस्टफीडिंग के जरिए मां बच्चे को अस्थमा, एक्यूट ओटिटिस मीडिया-कान का संक्रमण, मोटापा, सीवियर लोअर रेस्पिरेटरी डिजीज, टाइप 1 डायबिटीज, सिडिन इंफेंट डेथ सिंड्रोम (SIDS), गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर और नेक्रोटाइजिंग एंट्रोकोलाइटिस जैसी बीमारियों से बचाती है।
इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग करने (Breastfeeding Benefis) से एक मां भी डायबिटीज टाइप 2, ओवेरियन कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर (BP) और ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) जैसी बीमारियों से दूर रहती है।
यह भी पढ़ें:
Raw Turmeric Benefits And Side Effect : खाते हैं कच्ची हल्दी, पढ़ लें ये खबर, जान लें नफा—नुकसान